महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के दावेदार, 57 वर्षीय उद्धव ठाकरे की साल 2016 में एक बड़ी हार्ट सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से तथाकथित रूप से उनके दिल में 12 स्टेंट हैं. राज्य में जारी सियासी उलटफेर से शिव सेना प्रमुख की पिछले 72 घंटों से नींद उड़ी हुई है. उनकी चिंतित पत्नी रश्मि और वर्ली से नवनिर्वाचित विधायक बेटे आदित्य व तेजस उम्मीद कर रहे होंगे कि सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद उद्धव थोड़ी नींद ले लें. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि देवेंद्र फडणवीस कल शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कर लें.
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सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की उस जिरह को खारिज कर दिया गया कि फ्लोर टेस्ट के लिए इतनी जल्दबाजी करने जरूरत नहीं है. अब उद्धव ठाकरे इस बात को आश्वस्त करना चाह रहे होंगे कि शरद पवार और कांग्रेस के साथ बनाया हुआ शिवसेना का गठबंधन बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन के दौरान बीजेपी को पटखनी दे दे.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्साहित ठाकरे ने बुधवार की रणनीति तय करने के लिए 79 वर्षीय एनसीपी प्रमुख शरद पवार को बुलाया है. दोनों ने अपने विधायकों को संयुक्त रूप से संबोधित करने का फैसला किया है. (इससे पहले उन्होंने सोमवार शाम 162 विधायक पेश कर यह जताने की कोशिश की कि वे कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज होने का अधिकार हासिल कर सकते हैं.)
शक्ति प्रदर्शन के लिए शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सोमवार शाम अपने विधायकों को मुंबई के पांच सितारा होटल में इकट्ठा किया
कांग्रेस जिसको शिवसेना के साथ जाने के चलते पार्टी के भीतर ही आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, उसने कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के रूप में सुप्रीम कोर्ट में कानूनी दलीलें रखने में शिवसेना की मदद की. आज शाम पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई के लिए रवाना होंगे ताकि वे ये आश्वस्त कर सकें कि कांग्रेस के सभी 44 विधायकों का झुंड एकसाथ ही रहे.
आज सुबह अहमद पटेल सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट को लेकर सुनाए गए फैसले को बताने के लिए सोनिया गांधी के पास पहुंचे थे. इसके बाद शिवसेना सांसदों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में पहली बार संसद में विरोध प्रदर्शन किया, यह पहला मौका है जब विरोधी विचारों वाली ये दोनों पार्टियां एक साथ आईं हैं.
हालांकि, शिवसेना और कांग्रेस दोनों के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार एक पहेली ही हैं. उनका दावा है कि उनके भतीजे अजित पवार ने अपने 54 विधायकों को बीजेपी को देने का फैसला अकेले ही किया. अभी हर रंग का राजनेता यह समझने की कोशिश में लगा है किएनसीपी में दिखाई पड़ने वाली यह फूट वाकई एक सच्चाई है या फिर बीजेपी के साथ सत्ता हासिल करने के लिए सोची-समझी चाल है.
शरद पवार का कहना है कि बीजेपी के साथ जाना अजित पवार का निजी फैसला है, एनसीपी का नहीं.
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एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मुझे बताया, “क्या वो (पवार सीनियर) फिर से हैरान करेंगे? क्या वो पलटेंगे और बीजेपी की मदद करेंगे? उनके दाहिने हाथ को कैसे नहीं पता था कि बायां हाथ क्या कर रहा है?”
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत है. बीजेपी के पास खुद के 105 विधायक हैं, कांग्रेस के 44 और पवार की एनसीपी के पास 54 विधायक हैं.
महाराष्ट्र देश का न सिर्फ सबसे अमीर राज्य है बल्कि उत्तर प्रदेश के बाद लोकसभा में सबसे अधिक 48 सांसद इसी राज्य से आते हैं. (उत्तर प्रदेश से 80 सांसद चयनित होते हैं)
पवार ने आज कोर्ट के फैसले के बाद पाला बदल चुके भतीजे से घर वापसी की अपील की. पवार ने उन्हें बताया कि "बीजेपी ने उन्हें मूर्ख बनाया है" लेकिन अगर “दादा” अब भी वापस आ जाते हैं तो सबकुछ माफ कर दिया जाएगा.
बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
अजित ने शिवसेना के साथ गठबंधन के खिलाफ रहने वाले विधायकों की गिनती की थी जिसकी संख्या शरद पवार का साथ और उनकी योजना को छोड़ने वाले विधायकों संख्या से टकरा रही थी.
सेना के एक नेता ने मुझे बताया, "हम बीजेपी पर नजर रख रहे हैं और उन्हें सेना वाला उपचार (ऐसी मार जिसे वो भूल न पाएं) देने के लिए तैयार हैं लेकिन हम एनसीपी पर भी नजर बनाए हुए हैं."
सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी को कड़ी शिकस्त मिलने के बाद भी उनका कैंप आत्मविश्वास से भरा दिख रहा है. जब उनसे पूछो क्यों तो जवाब होता है “अमित शाह”. महाराष्ट्र बीजेपी को अब भी एनसीपी से जीत जाने का भरोसा है. पिछले साल कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा को फ्लोर टेस्ट में हार की आशंका के मद्देनजर इस्तीफा देना पड़ा था. इस बात पर महाराष्ट्र बीजेपी कहती है, “मुंबई; बेगलुरु नहीं है.”
जहां चारों पार्टियों का रूम सर्विस बिल बढ़ता ही जा रहा है, वहीं कांग्रेस के एक नेता का कहना है, “पवार की वापसी हुई है और वो जिस रास्ते भी जाएंगे सत्ता उनके पीछे आएगी. ”
(स्वाति चतुर्वेदी लेखिका तथा पत्रकार हैं, जो 'इंडियन एक्सप्रेस', 'द स्टेट्समैन' तथा 'द हिन्दुस्तान टाइम्स' के साथ काम कर चुकी हैं...)
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