सुशील महापात्रा की कलम से : गॉल ने श्रीलंका को गले लगाया

सुशील महापात्रा की कलम से : गॉल ने श्रीलंका को गले लगाया

नई दिल्‍ली:

गॉल के मैदान पर पहला टेस्ट मैच हार जाने के बाद अब भारत के ऊपर कई सवाल खड़े होंगे. जहां कल तक क्रिकेट पंडित भारत के शानदार खेल की तारीफ पर तारीफ करते हुए उसे जीत का हकदार मान रहे थे, लेकिन इस हार के बाद इस तारीफ का हक़दार भारत नहीं होगा और होना भी नहीं चाहिए।

श्रीलंका की जीत से ज्यादा भारत की हार पर चर्चा होगी और कप्तान विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल उठना शुरू हो जाएंगे जो गलत है। दोनों टीमें इस मैच में अच्छा खेली हैं। कल तक भारत का पलड़ा भारी था और आज श्रीलंका के शानदार प्रदर्शन की वजह से उसे जीत मिली, यही तो टेस्ट मैच की सुंदरता है।

मैं यह नहीं कह रहा कि भारत की हार के ऊपर सवाल नहीं उठना चाहिए। दूसरी पारी में भारत की बैटिंग काफी निराशाजनक थी। भारत ने अपने आखिरी 9 विकेट सिर्फ 89 रन में गंवा दिए जो चिंता की बात है। लेकिन इसके साथ-साथ हमें श्रीलंका की गेंदबाजी और कप्तानी की भी तारीफ करनी चाहिए। श्रीलंका के दोनों स्पिन बॉलरों ने शानदार बॉलिंग करते हुए जीत दिलाई। श्रीलंका के युवा स्पिन बॉलर थारिंदु कौशल को इस मैच में 8 विकेट मिले जो उनके करियर की सबसे बेहतरीन बॉलिंग है और रंगना हेराथ भी 7 विकेट लेने में कामयाब हुए।

दिनेश चांदीमल की दूसरी पारी में 162 रन की शानदार पारी को तो कोई भुला नहीं सकता। लेकिन हर मैच को हार या जीत की नजरिए से नहीं देखना चाहिए। भारत की तरफ से पहली पारी में शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली ने शानदार शतक जड़े और आर आश्विन ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए इस मैच में 10 विकेट लिए हैं जिसकी तारीफ होनी चाहिए।

लेकिन अगर पूछा जाये कि मैच की सबसे ज्यादा बड़ी बात क्या थी तो सबसे ज्यादा भारत की हार की बात आएगी, फिर श्रीलंका की जीत की और अलग-अलग खिलाड़ि‍यों के प्रदर्शन पर भी चर्चा होगी। लेकिन इस हार-जीत के बीच हम एक ऐसे खिलाड़ी को भूल रहे हैं जिसने श्रीलंका के क्रिकेट को एक नई पहचान दी है और वह है कुमार संगकारा। संगकारा का इस मैदान पर आखिर टेस्ट मैच था। श्रीलंका की जीत के बाद संगकारा की ख़ुशी ने भारत की हार का दुःख भुला दिया है।

हो सकता इस टेस्ट मैच में संगकारा अच्छा न खेल पाए हों। लेकिन गॉल के इस मैदान ने संगकारा को एक नई पहचान दी है। इस मैदान पर संगकारा ने कई बेहतरीन पारियां खेली हैं और श्रीलंका को जीत भी दिलायी है। संगकारा ने अपने टेस्ट करियर का पहला मैच इस मैदान पर 20 जुलाई 2000 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था। अपने टेस्ट करियर का पहला शतक संगकारा ने इस मैदान पर भारत के खिलाफ 2001 में मारा था और श्रीलंका को इस मैच में जीत भी मिली थी।

संगकारा ने अपने करियर दूसरा शतक भी इसी मैदान पर साल 2001 में वेस्ट-इंडीज के खिलाफ मारा था। 2014 में संगकारा ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ इस मैदान पर 221 रन की शानदार पारी खेली थी। अपने टेस्ट करियर के 38 शतक में से 6 शतक संगकारा ने इसी मैदान पर ठोके हैं और जब-जब संगकारा ने इस मैदान पर शतक ठोका है तब तब श्रीलंका को इस मैदान पर जीत मिली है।

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संगकारा ने श्रीलंका के लिए टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी कायम किया है। 133 टेस्ट मैच में करीब 58 की औसत से संगकारा ने 12350 रन बनाए हैं जो एक महान खिलाड़ी का परिचय देता है। हो सकता है संगकारा इस टेस्ट मैच में कोई ज्यादा रन नहीं बना पाए हों लेकिन यह मैदान संगकारा के लिए भाग्यशाली रहा है तो फिर इस मैदान पर संगकारा के आखिरी मैच में श्रीलंका कैसे हार सकता था? ऐसे तो कई बार गॉल के इस मैदान ने संगकारा को गले लगाया है लेकिन इस मैदान ने संगकारा के आखिरी मैच में श्रीलंका को गले लगाते हुए साबित कर दिया कि संगकारा उसका सिर्फ प्रिय खिलाड़ी नहीं बल्कि दिल के करीब भी है। इस जीत के साथ श्रीलंका का संगकारा के लिए इससे बड़ा गिफ्ट कोई हो नहीं सकता।