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This Article is From Jul 23, 2018

कांग्रेस का एक ही मिशन- राहुल बने पीएम

Akhilesh Sharma
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जुलाई 23, 2018 22:17 pm IST
    • Published On जुलाई 23, 2018 22:17 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 23, 2018 22:17 pm IST
कांग्रेस ने अपना मिशन तय कर लिया है. उसका मिशन है राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना. कांग्रेस कार्यसमिति की रविवार की बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस गठबंधन का प्रयास करेगी और राहुल उसके नेता होंगे. कांग्रेस को अपनी कमजोर जमीन का एहसास भी है. क्योंकि पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद कहा था कि "कांग्रेस अपने 2004 के प्रदर्शन से बेहतर करने की उम्मीद कर रही है. अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनती है और दो सौ का जादुई आंकड़ा छू लेती है तो जाहिर है कि पार्टी उन सब दलों की अगुवाई करेगी जो साथ आना चाहते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही एकमात्र चेहरा होंगे जिन्हें पीएम के रूप में पेश किया जाएगा."

2004 में कांग्रेस को 145 सीटें मिली थीं. तो क्या अब कांग्रेस के लिए जादुई आंकड़ा 272 नहीं बल्कि 150 ही है. खबरों के मुताबिक पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कार्यसमिति की बैठक में एक प्रजेंटेशन दिया. इसमें कहा कि 12 राज्यों में कांग्रेस मजबूत है और उसे मौजूदा से तीन गुना ज़्यादा यानी करीब डेढ़ सौ सीटें मिल सकती हैं. जहां पार्टी  मजबूत नहीं है वहां उसकी उम्मीदें गठबंधन पर टिकी हैं. यूपी की 80, पश्चिम बंगाल की 42, बिहार की 40 और तमिलनाडु की 39 सीटें मिला कर करीब 200 सीटों पर कांग्रेस कहीं दिखाई नहीं देती. यहां उसे सहयोगी दलों का सहारा है. यानी डेढ़ सौ सीटें कांग्रेस की और डेढ़ सौ सीटें सहयोगियों की. इस तरह कांग्रेस का मिशन 300 पूरा हो सकता है.

मिशन 2019 में आए कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया का कहना है कि जिन राज्यों में कांग्रेस कमज़ोर है वहां दूसरे दलों के साथ गठबंधन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर हालत में बीजेपी को हटाना चाहती है. लेकिन यह पूछने पर कि क्या अगला चुनाव राहुल बनाम मोदी होगा, इस पर उनका कहना था कि बीजेपी की कोशिश यही है. लेकिन हम बार-बार यही कह रहे हैं कि चुनाव के बाद मिल-बैठ कर पीएम तय किया जाएगा.

लेकिन राहुल का पीएम उम्मीदवार बनना इतना आसान नहीं है. अगर संभावित सहयोगियों की बात करें तो इनमें कई खुद पीएम बनने की कतार में हैं. जैसे ममता बनर्जी, मायावती, शरद पवार आदि. हालांकि जेडीएस और एनसीपी ने राहुल की दावेदारी का समर्थन किया है मगर आरजेडी कह रही है कि पीएम का फैसला मिल बैठकर होगा. ममता बनर्जी खुद फेडरल फ्रंट बना कर पीएम की कतार में हैं तो मायावती की पीएम बनने की महत्वाकांक्षा छुपी नहीं है.

दो दिनों पहले ही बीजेपी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए चंदन मित्रा ने मिशन 2019 में कहा कि ममता बनर्जी ने यह कभी नहीं कहा कि वे पीएम बनना चाहती हैं. लेकिन यह एक ऐसा फैसला है जो सभी दलों को मिल कर लेना होगा. क्या राहुल ममता बनर्जी को स्वीकार्य हैं? इस पर चंदन मित्रा सीधा जवाब नहीं देते. उनका कहना है कि कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के साथ मिल कर काम करना चाहिए. कोशिश हो कि हर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के सामने विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो.

तो क्या सिर्फ डेढ़ सौ सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही कांग्रेस राहुल को पीएम बनवा पाने में कामयाब हो पाएगी? खुद पीएम बनने का सपना देख रहे सहयोगी दलों के नेता क्या राहुल का नेतृत्व स्वीकार करेंगे?

कार्यक्रम में आए बीजेपी प्रवक्ता हितेश जैन कहते हैं कि विपक्ष का एजेंडा देश के सामने आ गया है. वो हर हालत में मोदी को हटाना चाहता है. लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाएगा.

बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो रही है. जिस तरह से वह सिर्फ 150 सीटों की ही बात कर रही है उससे यह साफ है कि चुनाव से पहले ही उसने अपनी हार मान ली है.

बहरहाल, अब यह साफ हो गया है कि कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर कोई भ्रम नहीं है. ज़ाहिर है कि जो भी क्षेत्रीय दल राहुल को अपना नेता मानने को तैयार हैं, वे कांग्रेस के साथ जुड़ सकते हैं. लेकिन सीटों के बंटवारे में कांग्रेस की स्थिति और कमजोर होने से चुनाव बाद उसके सौदेबाजी की ताकत कम हो सकती है.

(अखिलेश शर्मा इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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