देशभर में फंसे हजारों मजदूरों को बिहार लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सरकार द्वारा मजदूरों को रेल के माध्यम से अपने अपने घर लाया जा रहा है. इसी कड़ी में आज केरल के एर्नाकुलम से एक स्पेशल ट्रेन बरौनी जंक्शन पहुंची है जिसमें तकरीबन 32 जिलों के 12 सौ के करीब मजदूर सवार थे. सभी मजदूरों की पहले रेलवे स्टेशन पर ही स्कैनिंग की जाएगी उसके बाद उन्हें संबंधित जिले एवं प्रखंडों तक भेजा जाएगा जहां दोबारा स्क्रीनिंग के बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.
मजदूरों की मानें तो रास्ते में प्रशासन के द्वारा उनका ख्याल नहीं रखा गया था और खाने पीने की किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं थी. मजदूरों ने बताया कि एर्नाकुलम से बरौनी आने के लिए उन्हें 1,040 रुपये की राशि भुगतान करनी पड़ी है. बेगूसराय के डीएम अरविंद कुमार वर्मा और एसडीएम संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि बरौनी जंक्शन पर आगंतुक यात्रियों के लिए पानी नाश्ते एवं सेनिटाइजिंग की व्यवस्था की गई और जिला प्रशासन द्वारा इनका हर संभव सहयोग किया जाएगा.
वहीं गुजरात के अहमदाबाद से 1208 प्रवासियों को लेकर ट्रेन बिहार के मुजफ्फरपुर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची. इन यात्रियों का यहां पर मेडिकल परीक्षण किया गया और इसके बाद प्रशासन इनके घर के पास बने क्वारंटाइन सेंटर में रखेगा. इन सभी प्रवासियों को 21 दिन क्वरंटाइन सेंटर में रहना होगा. बिहार सरकार इनके आने-जाने का खर्चा खुद उठा रही है. इसके साथ ही 21 दिन बाद इनको 500 रुपये की अतिरिक्त मदद की जाएगी. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को ही इसका ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि क्वरंटाइन सेंटर में खाने-पीने से लेकर शौचालय, स्नानगृह तक सारी व्यवस्था की गई है.
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