
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज बेगूसराय पहुंचे हैं. वे कन्हैया कुमार द्वारा शुरू की गई ‘पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं. जनवरी के बाद यह राहुल गांधी का बिहार का तीसरा दौरा है. कांग्रेस इस यात्रा के जरिए न केवल भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दबाव बनाना चाहती है, बल्कि अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RKD) को भी संदेश देना चाहती है.
सफेद टी-शर्ट पहनकर पहुंचे युवा
रविवार रात राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने लोगों से यात्रा में शामिल होने की अपील की. वीडियो में राहुल ने कहा, “बिहार के युवा साथियों, मैं 7 अप्रैल को बेगूसराय आ रहा हूं. ‘पलायन रोको, रोजगार दो' यात्रा में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलूंगा. इसका उद्देश्य बिहार के युवाओं की भावनाओं, उनके संघर्ष और पीड़ा को पूरी दुनिया के सामने लाना है. आप भी सफेद टी-शर्ट पहनकर आएं, सवाल पूछें, अपनी आवाज बुलंद करें और अपने अधिकारों के लिए सरकार पर दबाव डालें. यहां रजिस्टर करके सफेद टी-शर्ट आंदोलन का हिस्सा बनें.”
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य बिहार के युवाओं की बदहाली को उजागर करना है. ये युवा देख रहे हैं कि सरकारी नौकरियां लगातार कम हो रही हैं और निजीकरण से कोई फायदा नहीं मिल रहा. अपने हक के लिए सरकार पर दबाव बनाएं और उसे सत्ता से हटाएं.”
संविधान सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
पदयात्रा के बाद राहुल गांधी पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होंगे. इसके अलावा, वे चौपाल कार्यक्रम को लेकर भी चर्चा करेंगे. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने बताया है कि राहुल गांधी बिहार में संगठन को मजबूत करने का संदेश देंगे. हर गांव में पंचायत स्तर पर चौपाल कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने और जिला अध्यक्षों को सशक्त बनाने के मुद्दे पर वे पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे.
विपक्ष का जवाबी हमला
इस यात्रा पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में आने से कुछ होने वाला नहीं है. बिहार में राहुल आएं, घूमें, भ्रम फैलाएं, लेकिन नीतीश कुमार और मोदी सरकार के काम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. 2005 से पहले और बाद के बिहार में जमीन-आसमान का अंतर है. सड़कें बनीं, पुल बने, रोजगार के अवसर बढ़े. नीतीश कुमार ने 8 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां दीं और आगे 4 लाख और देने की योजना है.”
राहुल की यात्रा का राजनीतिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी अब यह समझ चुके हैं कि कांग्रेस का भविष्य आरजेडी की छत्रछाया में रहकर संभव नहीं है. पिछले तीन दशकों से बिहार में कांग्रेस लालू यादव की पार्टी की पिछलग्गू बनकर रह गई है. राहुल इस छवि को तोड़ना चाहते हैं और बिहार कांग्रेस को स्वतंत्र रूप से मजबूत करना चाहते हैं. यह यात्रा उसी दिशा में एक ठोस कदम है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं