विज्ञापन
This Article is From Sep 18, 2015

बिहार की ट्रेनों में सवार बेरोजगार, बाहर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं

बिहार की ट्रेनों में सवार बेरोजगार, बाहर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं
बिहार से हजारों की तादाद में नौजवान काम की तलाश में दूसरे राज्य जाते रहते हैं
पटना: उत्तरी बिहार के सहरसा स्टेशन पर अमृतसर जाने वाली ट्रेन खुलने से एक घंटा पहले ही खचाखच भर चुकी है। सुखदेव ऋषि ने कड़ी मशक्कत के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। उन्हें ऊपर का एक बर्थ मिल गया है, जिसे उनको पांच लोगों के साथ साझा करना है। उनके पास एक छोटा थैला है।

22 साल के नौजवान सुखदेव पिछले सात सालों से अपने शहर को छोड़कर हरियाणा के एक आटा मिल में काम कर रहे हैं। वह वहां साल के छह महीने बिताते हैं और हर बार तनख्वाह के पैसों से वह परिवार को 10 हजार रुपये भेजा करते हैं। इसके बाद वह अपने घर आकर परिवार के साथ यहां एक महीना बिताते हैं और फिर काम पर लौट जाते हैं।

राज्य से बाहर जाने को मजबूर
सुखदेव की तरह इस ट्रेन में कई और नौजवान हैं, जो नियमित रूप से काम के सिलसिले में पंजाब और हरियाणा जाते रहते हैं। 22 साल के कुलदीप कुमार कहते हैं कि उनकी इच्छा है कि वह यहां से बाहर न जाएं, लेकिन उसके जैसे कामगारों के लिए यहां कोई बड़ी फैक्टरी नहीं है। अगर उसे कोई काम मिलता भी है तो इसके लिए उतने पैसे नहीं मिलते, जितना कि वह दूसरे राज्य में कमा लेता है। ताजा हवा के लिए बोगी के दरवाजे पर खड़े होकर वह कहता है, यह चुनावी साल है और मुझे मालूम है कि हम जैसे नौजवानों के लिए नेता लोग खूब वादे करेंगे। लेकिन ये सिर्फ बड़ी-बड़ी बाते हैं। चुनावों के वक्त नेता ऐसी बातें करते हैं, लेकिन इन पर अमल नहीं किया जाता और हम यहां से बाहर जाने को मजबूर हैं।

सीएम के रूप में नीतीश तब और अब
देश के तीसरे सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में पिछले 10 साल से शासन कर रहे नीतीश कुमार ने ऐसा नेता के रूप में अपनी ख्याति बनाई, जो ऐसे इलाकों में विकास लाने में सफल रहे जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। सीएम के रूप में तीसरी बार सत्ता पाने की ख्वाहिश रखने वाले नीतीश के शासनकाल में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत सुधरी। उन्होंने अपने किसी भी पूर्ववर्ती के मुकाबले बेहतर सड़क और बिजली सुविधाएं मुहैया करवाईं। पिछले चुनाव में वह बीजेपी के साथ थे, और इस चुनाव में अच्छा शासन और बेहतर जातीय गणित के आधार पर उन्हें जीत हासिल हुई थी।
 
(अमृतसर जाने वाली ट्रेन जनसेवा एक्सप्रेस में सवार युवा)

लेकिन इस बार स्थिति अलग है। अब नीतीश का बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं है और वह इस पार्टी के खिलाफ या कहें कि कुछ हद तक बीजेपी के चुनाव प्रचार की अगुवाई कर रहे पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ रहे हैं। पीएम मोदी ने पिछले साल आम चुनावों के दौरान युवाओं के साथ अपने बेहतर तालमेल को साबित किया था।

बिहार में अगले माह होने वाले चुनावों के एक-तिहाई वोटर 30 साल से कम उम्र के हैं। एक के बाद एक रैली में पीएम मोदी युवाओं से पूछते हैं कि वे इस बात की जांच करें कि क्या उनकी आकांक्षाएं पूरी हो पा रही हैं। उन्होंने हाल ही में एक चुनावी सभा में कहा था, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बिहार में अब भी इंजीनियरिंग की सिर्फ 25,000 सीटें हैं...क्या बिहार के युवाओं की किस्मत बर्बाद नहीं की जा रही है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

15-29 साल के उम्र वर्ग में बेरोजगारों का राष्ट्रीय औसत 13 प्रतिशत है, जबकि बिहार में यह 17 फीसदी है।
साल 2013 के आखिर तक बिहार में सिर्फ 3,345 उद्योग थे, जो देश भर के कुल उद्योगों का मात्र 1.5 फीसदी है। यूपी में यह आंकड़ा 7 फीसदी है।

चुनाव प्रचार के दौरान युवाओं के बारे में पीएम मोदी की टिप्पणियों के बाद नीतीश कुमार ने हाल में नौजवानों के लिए बेरोजगारी भत्ता और छात्रों के लिए क्रेडिट कार्ड स्कीम की घोषणा की, जिसके जरिये उन्हें रियायती दर पर बैंक लोन मिल सकता है। साथ ही उन्होंने नए उ्दयोग लगाने के लिए एक अलग कोष बनाने की भी बात कही। नीतीश ने कहा, मैंने कई बार कहा है कि हम ऐसी स्थिति चाहते हैं, जहां दूसरे राज्यों से लोग यहां पढ़ाई और कामकाज करने आएं और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।

क्या कहते हैं छात्र
 
(छात्र विकी कुमार और मोहम्मद मंजूर)

स्टेशन से खुलने के चंद मिनट पहले जनसेवा एक्सप्रेस में सवार कॉलेज छात्र विकी कुमार और मोहम्मद मंजूर कहते हैं, वे न तो पीएम मोदी या न ही सीएम नीतीश के वादों से प्रभावित हो रहे हैं। दोनों सरकारी नौकरियों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। अगर उन्हें अपने मकसद में कामयाबी नहीं मिल पाती है तो वो बिहार में रोजगार के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं। मंजूर ने कहा, चूंकि अभी चुनाव हैं, इसलिए हमारे नेता बेहद उत्साहित दिख रहे हैं... उनके सहयात्री कहते हैं, इसका (चुनावी वादों का) हमसे कोई लेनादेना नहीं है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
बिहार विधानसभा चुनाव 2015, बिहार में बेरोजगारी, नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी, Bihar Assembly Polls 2015, Bihar Election, Nitish Kumar, Narendra Modi, Bihar Youths
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com