
नीतीश कुमार 20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे
पटना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के 20 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया, लेकिन अपनी पहले से निर्धारित कार्यक्रम के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे। केंद्र सरकार की ओर से उनका प्रतिनिधित्व वेंकैया नायडू करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने प्रधानमंत्री से फोन पर बात की और उन्हें शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। लेकिन पीएम अपने पूर्व निर्धारित अन्य कार्यक्रमों के कारण संभवत: इसमें भाग नहीं ले पाएंगे।
बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष संजय मयूख ने भी कहा कि प्रधानमंत्री अपने 'पूर्व निर्धारित कार्यक्रम' के कारण संभवत: इसमें शिरकत नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू और केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी केंद्र सरकार की ओर से शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गत 8 नवंबर को जब चुनाव नतीजे आए थे उसी दिन पीएम मोदी ने नीतीश को बिहार में महागठबंधन की जीत पर बधाई दी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बुधवार रात उन लोगों की एक सूची जारी की गई, जिन्होंने समारोह में भाग लेने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
सूची में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला, लोकसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं।
नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हैं। कांग्रेस शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री आगामी शुक्रवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, असम के मुख्यमंत्री तरूण गगोई, सिक्किम के मुख्यमंत्री पी के चामलिंग, मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबम तुकी शामिल हैं।
जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की नई सरकार के इस शपथ ग्रहण समारोह को संसद के शीतकालीन सत्र के पूर्व राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव की संभावना और बीजेपी के खिलाफ विभिन्न दलों के बीच बन रही एकजुटता को प्रदर्शित करने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने आमंत्रण सूची को स्वयं अंतिम रूप दिया है और सभी नेताओं को स्वयं फोन कर आने के लिए आमंत्रित किया है। वामदलों की ओर से माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा ने आने की पुष्टि कर दी है।
इनके अलावा द्रमुक के टीएमके स्टालिन और बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी आमंत्रण स्वीकार किया है। शिवसेना महाराष्ट्र से अपने दो मंत्रियों रामदास कदम और सुभाष देसाई को भेज रही है। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, शीला दीक्षित, अजित जोगी, बाबू लाल मरांडी, हेमंत सोरेन और शंकर सिंह बघेला भी भाग लेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में नेशनल लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल एवं तारिक अनवर, आईएनएलडी नेता अभय चौटाला, बीबीएम नेता प्रकाश अंबेडकर, राम जेठमलानी, राजबब्बर और एचके दुआ ने भी अपने शामिल होने की पुष्टि कर दी है। देश भर से इन अतिथियों के अलावा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने प्रधानमंत्री से फोन पर बात की और उन्हें शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। लेकिन पीएम अपने पूर्व निर्धारित अन्य कार्यक्रमों के कारण संभवत: इसमें भाग नहीं ले पाएंगे।
बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष संजय मयूख ने भी कहा कि प्रधानमंत्री अपने 'पूर्व निर्धारित कार्यक्रम' के कारण संभवत: इसमें शिरकत नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू और केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी केंद्र सरकार की ओर से शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गत 8 नवंबर को जब चुनाव नतीजे आए थे उसी दिन पीएम मोदी ने नीतीश को बिहार में महागठबंधन की जीत पर बधाई दी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बुधवार रात उन लोगों की एक सूची जारी की गई, जिन्होंने समारोह में भाग लेने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
सूची में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला, लोकसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं।
नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हैं। कांग्रेस शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री आगामी शुक्रवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, असम के मुख्यमंत्री तरूण गगोई, सिक्किम के मुख्यमंत्री पी के चामलिंग, मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबम तुकी शामिल हैं।
जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की नई सरकार के इस शपथ ग्रहण समारोह को संसद के शीतकालीन सत्र के पूर्व राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव की संभावना और बीजेपी के खिलाफ विभिन्न दलों के बीच बन रही एकजुटता को प्रदर्शित करने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने आमंत्रण सूची को स्वयं अंतिम रूप दिया है और सभी नेताओं को स्वयं फोन कर आने के लिए आमंत्रित किया है। वामदलों की ओर से माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा ने आने की पुष्टि कर दी है।
इनके अलावा द्रमुक के टीएमके स्टालिन और बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी आमंत्रण स्वीकार किया है। शिवसेना महाराष्ट्र से अपने दो मंत्रियों रामदास कदम और सुभाष देसाई को भेज रही है। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, शीला दीक्षित, अजित जोगी, बाबू लाल मरांडी, हेमंत सोरेन और शंकर सिंह बघेला भी भाग लेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में नेशनल लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल एवं तारिक अनवर, आईएनएलडी नेता अभय चौटाला, बीबीएम नेता प्रकाश अंबेडकर, राम जेठमलानी, राजबब्बर और एचके दुआ ने भी अपने शामिल होने की पुष्टि कर दी है। देश भर से इन अतिथियों के अलावा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे।
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