जीतन राम मांझी (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और महादलित नेता जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए के सभी सहयोगी दलों में वे सबसे लोकप्रिय चुनाव प्रचारक हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव में एनडीए के अन्य घटक दलों के मुकाबले उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को उन्हें और सीटें देनी चाहिए थीं, क्योंकि हर जगह लोग उन्हें देखना चाहते हैं। इन चुनावों में एनडीए और जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है।
मांझी ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को 40 सीटें दी जातीं, तो पार्टी 35 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती। उन्होंने कहा कि यह समय ही बताएगा कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) को मात्र 21 सीट देने के निर्णय पर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को पछतावा होगा या नहीं।
मांझी ने दावा किया कि गरीब लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख रामविलास पासवान ने उनसे अनुरोध किया कि वह अलौली में टेलीफोन के माध्यम से एक चुनावी सभा को संबोधित करें। अलौली से पासवान के भाई और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस चुनाव लड़ रहे हैं। पासवान बिहार के अन्य बड़े दलित नेता हैं और अनुसूचित जाति के मतदाताओं में उनकी अच्छी पकड़ है।
मांझी ने कहा कि महागठबंधन टूटे हुए कांच के टुकड़े की तरह बिखर गया है और इन चुनावों में एनडीए को दो-तिहाई बहुमत मिलेगा, क्योंकि उसके सामने कोई चुनौती नहीं है।
उन्होंने कहा, मेरा प्रदर्शन (चुनावों में) बीजेपी समेत अन्य सभी दलों से बेहतर रहेगा। इसका कारण यह है कि गरीबों के बीच मेरे समर्थन में एक लहर है, क्योंकि मैंने उनके लिए काम शुरू किए थे और उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोक दिया। अब वे इसका बदला लेना चाहते हैं।
मांझी ने कहा, बीजेपी को कुछ और सीटें देनी चाहिए थीं, लेकिन मैंने उनके इस (21 सीटों) प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, क्योंकि मैं पहले ही उन्हें बिना शर्त समर्थन देने की बात कह चुका था। उन्होंने कहा कि अब वे (बीजेपी) उनके लिए भी प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि लोगों के बीच उनकी 'अपील' है। उनके खुद के नेता कह रहे हैं कि यदि वह (मांझी) सभी 243 सीटों पर चले जाएं और सिर्फ अपना चेहरा दिखा दें तो उन्हें चुनाव में फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा, तो मैं उनसे पूछता हूं कि सीटें देते वक्त आपने इस बारे में क्यों नहीं सोचा और आज मुझे परेशान कर रहे हैं। आखिर मुझे अपनी पार्टी और सभी घटक दलों के लिए भी प्रचार करना है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह स्वयं को बीजेपी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वरिष्ठ नेताओं के अलावा अन्य सभी नेताओं से ज्यादा लोकप्रिय प्रचारक मानते हैं, तो उन्होंने कहा, बिल्कुल, लोग हर जगह मेरा चेहरा देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, बड़े नेता आ रहे हैं, तो अभिनेता भी आ रहे हैं। जहां तक मेरा विचार है गरीब लोगों के बीच मेरी मांग ज्यादा है और इस बात को वे (बीजेपी एवं घटक) दल भी समझते हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को उन्हें और सीटें देनी चाहिए थीं, क्योंकि हर जगह लोग उन्हें देखना चाहते हैं। इन चुनावों में एनडीए और जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है।
मांझी ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को 40 सीटें दी जातीं, तो पार्टी 35 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती। उन्होंने कहा कि यह समय ही बताएगा कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) को मात्र 21 सीट देने के निर्णय पर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को पछतावा होगा या नहीं।
मांझी ने दावा किया कि गरीब लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख रामविलास पासवान ने उनसे अनुरोध किया कि वह अलौली में टेलीफोन के माध्यम से एक चुनावी सभा को संबोधित करें। अलौली से पासवान के भाई और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस चुनाव लड़ रहे हैं। पासवान बिहार के अन्य बड़े दलित नेता हैं और अनुसूचित जाति के मतदाताओं में उनकी अच्छी पकड़ है।
मांझी ने कहा कि महागठबंधन टूटे हुए कांच के टुकड़े की तरह बिखर गया है और इन चुनावों में एनडीए को दो-तिहाई बहुमत मिलेगा, क्योंकि उसके सामने कोई चुनौती नहीं है।
उन्होंने कहा, मेरा प्रदर्शन (चुनावों में) बीजेपी समेत अन्य सभी दलों से बेहतर रहेगा। इसका कारण यह है कि गरीबों के बीच मेरे समर्थन में एक लहर है, क्योंकि मैंने उनके लिए काम शुरू किए थे और उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोक दिया। अब वे इसका बदला लेना चाहते हैं।
मांझी ने कहा, बीजेपी को कुछ और सीटें देनी चाहिए थीं, लेकिन मैंने उनके इस (21 सीटों) प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, क्योंकि मैं पहले ही उन्हें बिना शर्त समर्थन देने की बात कह चुका था। उन्होंने कहा कि अब वे (बीजेपी) उनके लिए भी प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि लोगों के बीच उनकी 'अपील' है। उनके खुद के नेता कह रहे हैं कि यदि वह (मांझी) सभी 243 सीटों पर चले जाएं और सिर्फ अपना चेहरा दिखा दें तो उन्हें चुनाव में फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा, तो मैं उनसे पूछता हूं कि सीटें देते वक्त आपने इस बारे में क्यों नहीं सोचा और आज मुझे परेशान कर रहे हैं। आखिर मुझे अपनी पार्टी और सभी घटक दलों के लिए भी प्रचार करना है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह स्वयं को बीजेपी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे वरिष्ठ नेताओं के अलावा अन्य सभी नेताओं से ज्यादा लोकप्रिय प्रचारक मानते हैं, तो उन्होंने कहा, बिल्कुल, लोग हर जगह मेरा चेहरा देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, बड़े नेता आ रहे हैं, तो अभिनेता भी आ रहे हैं। जहां तक मेरा विचार है गरीब लोगों के बीच मेरी मांग ज्यादा है और इस बात को वे (बीजेपी एवं घटक) दल भी समझते हैं।
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