भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई है और भाजपा की यह हार काफी मायने रखती है. क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तीन राज्यों में हार का झटका एक ओर भाजपा की उत्साह को कम करता है, वहीं 2019 के महामुकाबले के लिए कांग्रेस के मनोबल को बढ़ाता है. हालांकि, परिणाम सामने आने के बाद हर पार्टियां अपने नतीजों पर आत्मचिंतन और मंथन करेगी.
जाहिर सी बात है कि बीजेपी भी उन कमियों की तलाश में होगी, जिसकी वजह से उसे इतनी ब़ड़ी हार मिली और एक ही झटके में तीन बड़े राज्य उसके हाथ से चले गए. इसके अलावा, अब सबके मन में हार-जीत के कारणों को जानने की इच्छा होगी. आखिर क्या वजह रही कि बिना गठबंधन के भी कांग्रेस ने इन राज्यों में जीत दर्ज की है. पिछले एक साल से अब तक क्या बदला है..क्या वो फैक्टर्स हैं जिन्होंने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया, तो चलिए जानते हैं...
- अगर चुनावी नतीजों पर गौर करें तो इन चुनावों में नोटबंदी, जीएसटी से भाजपा को सबसे ज्यादा झटका लगा है. क्योंकि भाजपा के वोट शेयर और उसके सीटों की स्थिति को देखें तो शहरी क्षेत्रों में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है. मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की सीटों में भाजपा को 54 फीसद और राजस्थान में 41 फीसदी का नुकसान हुआ है.
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- राजस्थान में सचिन पायलट का असर भी भाजपा पर भारी पड़ा. पायलट की वजह से गुर्जर समुदाय के मतदाताओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया. राजस्थान की कई सीटों पर गुर्जर समुदाय काफी अच्छा प्रभाव रखता है. भाजपा को गुर्जर समुदाय बहुल सीटों में 61 फीसदी कमी हुई है.
- भाजपा से किसानों का मोहभंग ने भी इन चुनावों में काफी असर डाला है. भारतीय जनता पार्टी से जाट समुदाय दूर हट गया. राजस्थान में भाजपा को जाट बहुल सीटों की 58 फीसदी कम आई है.
- आदिवासी वोटों पर भाजपा की पकड़ भी कमजोर हुई है. तीनों राज्यों में आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की सीटों में कमी देखने को मिली. राजस्थान में यह कमी 41 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 35 फीसदी और मध्य प्रदेश में 24 फीसदी रही है.
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VIDEO - तीन राज्यों में क्यों हारी बीजेपी ?
जाहिर सी बात है कि बीजेपी भी उन कमियों की तलाश में होगी, जिसकी वजह से उसे इतनी ब़ड़ी हार मिली और एक ही झटके में तीन बड़े राज्य उसके हाथ से चले गए. इसके अलावा, अब सबके मन में हार-जीत के कारणों को जानने की इच्छा होगी. आखिर क्या वजह रही कि बिना गठबंधन के भी कांग्रेस ने इन राज्यों में जीत दर्ज की है. पिछले एक साल से अब तक क्या बदला है..क्या वो फैक्टर्स हैं जिन्होंने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया, तो चलिए जानते हैं...
विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 : मध्य प्रदेश
- अगर चुनावी नतीजों पर गौर करें तो इन चुनावों में नोटबंदी, जीएसटी से भाजपा को सबसे ज्यादा झटका लगा है. क्योंकि भाजपा के वोट शेयर और उसके सीटों की स्थिति को देखें तो शहरी क्षेत्रों में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है. मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की सीटों में भाजपा को 54 फीसद और राजस्थान में 41 फीसदी का नुकसान हुआ है.
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- भाजपा से किसानों का मोहभंग ने भी इन चुनावों में काफी असर डाला है. भारतीय जनता पार्टी से जाट समुदाय दूर हट गया. राजस्थान में भाजपा को जाट बहुल सीटों की 58 फीसदी कम आई है.
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- आदिवासी वोटों पर भाजपा की पकड़ भी कमजोर हुई है. तीनों राज्यों में आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की सीटों में कमी देखने को मिली. राजस्थान में यह कमी 41 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 35 फीसदी और मध्य प्रदेश में 24 फीसदी रही है.
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