
इस बार यूपी चुनावों की कमान कांग्रेस में पूरी तरह से राहुल गांधी के हाथों में है.
नई दिल्ली:
कांग्रेस पार्टी इस बार के यूपी विधानसभा चुनावों में प्रचार नहीं करेंगी. कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात का संकेत दिया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अखिलेश यादव की सपा से गठबंधन करने के बाद उनको मुख्य भूमिका में लाने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है. हालांकि सूत्र के मुताबिक सोनिया गांधी की तबियत बहुत दुरुस्त नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है कि इस वजह से वह चुनाव प्रचार से दूर रहेंगी. हालांकि यह यूपी का चुनाव होगा जिसमें सोनिया गांधी चुनाव प्रचार नहीं करेंगी.
हालांकि रविवार को जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव की लखनऊ में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हुई थी तब जब उनसे यह पूछा गया था कि क्या मुलायम सिंह और सोनिया गांधी चुनाव प्रचार करेंगे तो अखिलेश ने कहा था कि उन्हें इन नेताओं का आर्शीवाद प्राप्त है. हालांकि उसके तत्काल बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि वह इस गठबंधन के खिलाफ हैं. लिहाजा वह इसके लिए प्रचार नहीं करेंगे. अब यह भी माना जा रहा है कि मुलायम यहां से अपने समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन भी दे सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के चलते सपा 298 सीटें और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. हालांकि कुछ सीटों को लेकर अभी भी दोनों पार्टियों के बीच गतिरोध बरकरार है. मुलायम सिंह का मानना है कि कांग्रेस को इतनी सीटें देने पर दीर्घकालिक अवधि में कांग्रेस मजबूत होगी और सपा कमजोर होगी. उधर अखिलेश यादव का कहना है कि इस गठबंधन के बाद अब वे लोग 300 से भी अधिक सीटें जीतने में कामयाब होंगे.
हालांकि रविवार को जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव की लखनऊ में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हुई थी तब जब उनसे यह पूछा गया था कि क्या मुलायम सिंह और सोनिया गांधी चुनाव प्रचार करेंगे तो अखिलेश ने कहा था कि उन्हें इन नेताओं का आर्शीवाद प्राप्त है. हालांकि उसके तत्काल बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि वह इस गठबंधन के खिलाफ हैं. लिहाजा वह इसके लिए प्रचार नहीं करेंगे. अब यह भी माना जा रहा है कि मुलायम यहां से अपने समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन भी दे सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के चलते सपा 298 सीटें और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. हालांकि कुछ सीटों को लेकर अभी भी दोनों पार्टियों के बीच गतिरोध बरकरार है. मुलायम सिंह का मानना है कि कांग्रेस को इतनी सीटें देने पर दीर्घकालिक अवधि में कांग्रेस मजबूत होगी और सपा कमजोर होगी. उधर अखिलेश यादव का कहना है कि इस गठबंधन के बाद अब वे लोग 300 से भी अधिक सीटें जीतने में कामयाब होंगे.
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