यूपी विधानसभा चुनाव : गठबंधन के बावजूद एक दर्जन सीटों पर सपा और कांग्रेस आमने-सामने

यूपी विधानसभा चुनाव : गठबंधन के बावजूद एक दर्जन सीटों पर सपा और कांग्रेस आमने-सामने

यूपी में गठबंधन के बावजूद 12 सीटों पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं (अखिलेश यादव और राहुल गांधी-फाइल फोटो).

खास बातें

  • गठबंधन होने से पहले सपा ने तय कर दिए थे उम्मीदवार
  • दोनों दलों के प्रत्याशी समझौता करने के लिए तैयार नहीं
  • इस लड़ाई का फायदा उठा सकती है बीजेपी
वाराणसी:

साइकिल और पंजे के एक साथ आने के बाद जहां साइकिल उत्तर प्रदेश की सत्ता में एक बार फिर पहुंचने के लिए तेजी से पैडल मार रही है तो वहीं उत्तर प्रदेश में हाशिये पर पहुंच चुका हाथ का पंजा भी मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है. लेकिन सपा कांग्रेस के इस गठबंधन के बाद भी प्रदेश में तकरीबन एक दर्जन ऐसी सीटे हैं जहां दोनों पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने ताल ठोंक रहे हैं.  

इन सीटों में महराजपुर में अरुणा तोमर सपा तो राजाराम पाल कांग्रेस से, जैतपुर विधानसभा क्षेत्र में रामगोपाल रावत सपा तो तनुज पुनिया कांग्रेस से, कोल विधानसभा क्षेत्र में अज्जु इशहाक सपा से और विवेक बंसल कांग्रेस से, भोगनीपुर क्षेत्र में नितिन सचान कांग्रेस से व योगेंद्र पाल सपा से, लखनऊ मध्य क्षेत्र में रविदास सपा से तो मारूफ खान कांग्रेस से, चांदपुर बिजनौर में अरशद सपा से तो शेरबाज कांग्रेस से, गंगोह विधानसभा क्षेत्र में इन्द्रसेन सपा से और नुमाद मसूद कांग्रेस से, हरगांव में मनोज राजवंशी सपा से तो बनवारी लाल कांग्रेस से, आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र में अमिताभ बाजपेयी सपा से और प्रमोद जयसवाल कांग्रेस से, कानपुर कैंट मनें मो रूमी सपा और सोहेल अंसारी कांग्रेस से, पुरकाजी क्षेत्र में उमा किरण सपा से तो दीपक कुमार कांग्रेस से, बलदेव विधानसभा क्षेत्र में विनेश कुमार कांग्रेस से तो रणवीर सपा से आमने-सामने ताल ठोक रहे हैं.  

गौरतलब है कि सपा-कांग्रेस के बीच हुए समझौते में जहां कांग्रेस को 105 सीटों पर चुनाव लड़ना है, वहीं सपा को 298 सीटों पर. लेकिन समझौता होने से पहले ही सपा ने 300 से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे और उनमें से बहुतों को सिम्बल भी दे दिया गया था. बाद में हुए गठबंधन में जिनकी सीट कांग्रेस के खाते में गई वहां के उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी छोड़ने को राजी नहीं हुए लिहाजा वे आमने-सामने हो गए. प्रदेश में सात चरणों में चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी है. पहले दो चरणों के साथ तीसरे चरण की अब तक 209 सीटों की बीते शुक्रवार को नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इनमें 12 ऐसी सीटें हैं जिसमें दोनों पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं.  

इन सीटों में कई हाईप्रोफाइल सीट भी हैं जिसमें लखनऊ मध्य से अखिलेश सरकार के मंत्री और सपा प्रत्यासी रविदास मेहरोत्रा व कांग्रेस के मारूफ खां आमने-सामने हैं.  बाराबंकी की जैदपुर सीट पर भी अनुसूचित जाति के अध्यक्ष पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया कांग्रेस से और राम गोपाल रावत सपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे हैं.  इसी तरह कानपुर शहर की आर्य नगर सीट पर पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के भाई प्रमोद जायसवाल कांग्रेस से और प्रो राम गोपाल के करीबी अमिताभ बाजपेयी सपा से नामांकन कर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.  मजे की बात यह है कि इन प्रत्याशियों में कोई भी न तो फ्रेंडली फाइट को तैयार है और न ही अपनी पार्टी के आलाकमान के समझाने पर मान रहा है. ऐसे में इन सीटों पर एक तरफ जहां मुकाबला दिलचस्प होगा वहीं भाजपा बंदर की लड़ाई में बिल्ली की तरह इन सीटों को झपटने को तैयार है.


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