शिवपाल यादव ने 11 जनवरी को नई पार्टी बनाने की बात कही थी.
लखनऊ:
सपा नेता शिवपाल यादव ने अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए कहा कि वह नई पार्टी का गठन नहीं करेंगे. उनसे जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोई नई पार्टी नहीं बनाई जाएगी. दरअसल अभी कुछ दिन पहले इटावा के जसवंतनगर की रैली में उन्होंने कहा था कि 11 मार्च के चुनावी नतीजों के बाद वह नई पार्टी का गठन करेंगे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब इस मामले में उनका कहना है कि मेरा इससे आशय ये था कि चुनावी नतीजों का विश्लेषण करने के बाद ही मैं कोई निर्णय लूंगा. इस संबंध में नेताजी (मुलायम सिंह यादव) से सलाह लूंगा और उसके बाद कोई निर्णय लूंगा.
इससे पहले 11 जनवरी को शिवपाल यादव ने ऐलान किया था कि वह 11 मार्च के बाद नई पार्टी का गठन करेंगे. उन्होंने रोष जाहिर करते हुए कहा था कि मेरे समर्थकों के टिकट काट दिए गए हैं. अब ये लोग कहां जाएंगे. दरअसल सपा की कमान अखिलेश यादव के हाथों में पूरी तरह से आने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में एकदम हाशिए पर पहुंच गए हैं.
दरअसल जब वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे तो उन्होंने मुलायम सिंह के साथ मिलकर दिसंबर में प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. उसके बाद पार्टी में जबर्दस्त घमासान के बाद अंतिम रूप से जब कमान अखिलेश को मिली तो उन्होंने उस सूची को खारिज कर दिया और अपनी नई सूची जारी की. उसके बाद शिवपाल और मुलायम समर्थकों के टिकट काटकर अखिलेश ने अपने समर्थकों को टिकट दिए. पिता-पुत्र में सुलह होने के बाद मुलायम ने अपने 38 समर्थकों की सूची अखिलेश को दी थी. अखिलेश ने उसमें से भी कुछ लोगों को टिकट नहीं दिया. मुलायम ने जब पहली बार ये 38 नाम दिए थे तब उसमें शिवपाल का नाम नहीं था और उनकी जगह बेटे आदित्य का नाम था. बाद में शिवपाल का नाम उसमें जोड़ा गया. शिवपाल यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं.
इससे पहले 11 जनवरी को शिवपाल यादव ने ऐलान किया था कि वह 11 मार्च के बाद नई पार्टी का गठन करेंगे. उन्होंने रोष जाहिर करते हुए कहा था कि मेरे समर्थकों के टिकट काट दिए गए हैं. अब ये लोग कहां जाएंगे. दरअसल सपा की कमान अखिलेश यादव के हाथों में पूरी तरह से आने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में एकदम हाशिए पर पहुंच गए हैं.
दरअसल जब वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे तो उन्होंने मुलायम सिंह के साथ मिलकर दिसंबर में प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. उसके बाद पार्टी में जबर्दस्त घमासान के बाद अंतिम रूप से जब कमान अखिलेश को मिली तो उन्होंने उस सूची को खारिज कर दिया और अपनी नई सूची जारी की. उसके बाद शिवपाल और मुलायम समर्थकों के टिकट काटकर अखिलेश ने अपने समर्थकों को टिकट दिए. पिता-पुत्र में सुलह होने के बाद मुलायम ने अपने 38 समर्थकों की सूची अखिलेश को दी थी. अखिलेश ने उसमें से भी कुछ लोगों को टिकट नहीं दिया. मुलायम ने जब पहली बार ये 38 नाम दिए थे तब उसमें शिवपाल का नाम नहीं था और उनकी जगह बेटे आदित्य का नाम था. बाद में शिवपाल का नाम उसमें जोड़ा गया. शिवपाल यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं