मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह कांग्रेस और सपा गठबंधन के खिलाफ हैं
नई दिल्ली:
यूपी में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में झगड़ा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन का खुलकर विरोध करते हुए सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि वह इस गठबंधन के विरोध में हैं और इसके पक्ष में प्रचार करने नहीं जाएंगे. मुलायम ने कहा कि समाजवादी पार्टी अकेले ही चुनाव जीत सकती थी और अखिलेश अपने बूते बहुमत हासिल कर सकते थे.
मुलायम ने कहा, 'कांग्रेस ने इतने सालों तक राज किया और उसी की वजह से हमारा देश पिछड़ गया. मेरी हमेशा से यह राय रही है कि हम कांग्रेस से मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे. क्योंकि हमारी समाजवादी पार्टी सक्षम है अकेले चुनाव लड़ने में.' मुलायम ने कहा, 'हमारे जिन नेताओं के टिकट काटे गए हैं, वो अब क्या करेंगे? 5 साल के लिए तो मौका गंवा दिया.'
मुलायम सिंह शुरू से ही कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन करने के खिलाफ थे. सपा के चुनाव चिह्न 'साइकिल' की लड़ाई में चुनाव आयोग द्वारा अखिलेश के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद मुलायम ने अपने 38 उम्मीदवारों की सूची बेटे को सौंपी थी, लेकिन अलग से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था.
रविवार को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बाद दोनों नेताओं ने रोडशो भी किया. यह रोडशो जब पुराने लखनऊ में जनसभा में तब्दील हुआ, तो उत्साह से लबरेज दोनों नेताओं ने भाजपा और बसपा को सत्ता में आने से रोकने तथा विकास की राजनीति करने का संकल्प दोहराया. ऐतिहासिक घंटाघर के सामने तंग सड़कों पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि राहुल और अखिलेश भाषण के लिए बनाए गए मंच तक पहुंच ही नहीं पाए. जिस वाहन से वे रोडशो कर रहे थे, वहीं से उन्होंने जनता को संबोधित किया.
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह चंद अमीर घरानों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमीरों के काले धन को मोदी सरकार ने नोटबंदी के जरिये सफेद किया और गरीब जनता की कमर तोड़ दी. अखिलेश ने किसान, गरीब और नौजवानों के लिए काम जारी रखने की बात दोहराते हुए कहा कि वह विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे.
इससे पहले साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को देश में गुस्से की और विभाजनकारी राजनीति करने वालों को दिया गया 'उत्तर' ठहराया.
राहुल ने कहा, 'उत्तर प्रदेश का पहला शब्द है उत्तर...हमारा गठबंधन उन लोगों को हमारा उत्तर है, जो गुस्से और विभाजन की राजनीति करते हैं. यह सपा, कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की जनता का उन ताकतों को जवाब है. यूपी के डीएनए में गुस्सा नहीं है, उसमें भाईचारा, प्यार और प्रगति है.' मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस गठबंधन को जनता का गठबंधन करार देते हुए कहा कि यह प्रदेश को विकास के रास्ते पर और आगे ले जाएगा.
राहुल ने कहा कि वह नए तरह की राजनीति करना चाहते हैं और युवाओं को विकल्प देना चाहते हैं. सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन 'अवसरवादी गठबंधन' नहीं, बल्कि दिल का गठबंधन है. चुनाव प्रचार में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शामिल किया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, 'दोनों का आशीर्वाद बना रहे, तो भी जीत मिल जाएगी.'
मुलायम ने कहा, 'कांग्रेस ने इतने सालों तक राज किया और उसी की वजह से हमारा देश पिछड़ गया. मेरी हमेशा से यह राय रही है कि हम कांग्रेस से मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे. क्योंकि हमारी समाजवादी पार्टी सक्षम है अकेले चुनाव लड़ने में.' मुलायम ने कहा, 'हमारे जिन नेताओं के टिकट काटे गए हैं, वो अब क्या करेंगे? 5 साल के लिए तो मौका गंवा दिया.'
मुलायम सिंह शुरू से ही कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन करने के खिलाफ थे. सपा के चुनाव चिह्न 'साइकिल' की लड़ाई में चुनाव आयोग द्वारा अखिलेश के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद मुलायम ने अपने 38 उम्मीदवारों की सूची बेटे को सौंपी थी, लेकिन अलग से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था.
रविवार को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बाद दोनों नेताओं ने रोडशो भी किया. यह रोडशो जब पुराने लखनऊ में जनसभा में तब्दील हुआ, तो उत्साह से लबरेज दोनों नेताओं ने भाजपा और बसपा को सत्ता में आने से रोकने तथा विकास की राजनीति करने का संकल्प दोहराया. ऐतिहासिक घंटाघर के सामने तंग सड़कों पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि राहुल और अखिलेश भाषण के लिए बनाए गए मंच तक पहुंच ही नहीं पाए. जिस वाहन से वे रोडशो कर रहे थे, वहीं से उन्होंने जनता को संबोधित किया.
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह चंद अमीर घरानों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमीरों के काले धन को मोदी सरकार ने नोटबंदी के जरिये सफेद किया और गरीब जनता की कमर तोड़ दी. अखिलेश ने किसान, गरीब और नौजवानों के लिए काम जारी रखने की बात दोहराते हुए कहा कि वह विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे.
इससे पहले साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को देश में गुस्से की और विभाजनकारी राजनीति करने वालों को दिया गया 'उत्तर' ठहराया.
राहुल ने कहा, 'उत्तर प्रदेश का पहला शब्द है उत्तर...हमारा गठबंधन उन लोगों को हमारा उत्तर है, जो गुस्से और विभाजन की राजनीति करते हैं. यह सपा, कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की जनता का उन ताकतों को जवाब है. यूपी के डीएनए में गुस्सा नहीं है, उसमें भाईचारा, प्यार और प्रगति है.' मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस गठबंधन को जनता का गठबंधन करार देते हुए कहा कि यह प्रदेश को विकास के रास्ते पर और आगे ले जाएगा.
राहुल ने कहा कि वह नए तरह की राजनीति करना चाहते हैं और युवाओं को विकल्प देना चाहते हैं. सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन 'अवसरवादी गठबंधन' नहीं, बल्कि दिल का गठबंधन है. चुनाव प्रचार में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शामिल किया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, 'दोनों का आशीर्वाद बना रहे, तो भी जीत मिल जाएगी.'
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