लखनऊ:
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति जारी है. एक तरफ कांग्रेस सूत्र कह रहे हैं कि पार्टियों के बीच 105 सीटों को लेकर बात तय हो गई है, वहीं सपा की ओर से अभी तक सीटों को लेकर कोई बयान नहीं आया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा पत्र जारी करने के बाद कार्यक्रम से बाहर निकलते हुए कहा NDTV के सवाल पर चिल्लाते हुए जवाब दिया 'गठबंधन होगा.' हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि कांग्रेस के लिए अहमियत रखने वाली रायबरेली और अमेठी जैसी सीटों पर उनके और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा कैसे होगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने रविवार को ट्वीट किया और कहा कि 'यह कहना गलत होगा कि कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा नेता बात नहीं कर रहा है. सीएम यूपी, कांग्रेस महासचिव और प्रियंका गांधी के बीच उच्च स्तर की बातचीत चल रही है.' इस ट्वीट को सपा के साथ गठबंधन की बातचीत के लिए प्रियंका को श्रेय देने की कोशिश की तरह भी देखा जा रहा है.
बताया जा रहा है कि प्रियंका की अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल से लंबी बातचीत हुई है. लेकिन जब शनिवार को दोनों खेमे अपनी मांग पर डटे रहे तब जाकर गठबंधन की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा.
जब एक बच्चा अखिलेश को राहुल गांधी समझने की गलती कर बैठा
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के हस्तक्षेप को बड़ी ही मज़बूती से नकारा है ताकि प्रियंका गांधी की भूमिका कमज़ोर न पड़ जाए. शनिवार रात कांग्रेस प्रमुख के सहायक और उनकी ओर से फोन की व्यवस्था संभालने वाले अहमद पटेल ने ट्वीट किया था कि उन्होंने किसी भी सपा नेता को फोन नहीं किया है.
वहीं इस बातचीत का हिस्सा रहे समाजवादी पार्टी के एक नेता ने NDTV से कहा है कि अगर गठबंधन होता है तो सोनिया गांधी का हस्तक्षेप करना ही उसकी वजह होगा.
बता दें कि दोनों ही पार्टियों के बीच 10 सीटों को लेकर मामला अटका पड़ा है. अखिलेश यादव ने कहा है कि वह कांग्रेस को यूपी की 403 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा 99 सीट दे सकते हैं. वहीं कांग्रेस ने 110 की मांग की है, हालांकि बताया जा रहा है कि वह 104 सीटों पर संतुष्ट होने के लिए राज़ी है. शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने 208 उम्मीदवारों की लिस्ट लाकर कांग्रेस को चौंका दिया, साथ ही यह भी साफ कर दिया कि कांग्रेस जितनी सीटों की उम्मीद कर रही है, उससे कम में ही उसे संतुष्ट होना पड़ेगा.
इसके अलावा दो और समस्याएं हैं - सपा ने उन नौ सीटों पर भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं जो फिलहाल कांग्रेस की हैं, साथ ही यह भी संकेत दिए गए हैं कि रायबरेली और अमेठी में 10 निर्वाचन क्षेत्र में भी वह उन सात सीटों को नहीं छोड़ने वाली जिस पर फिलहाल उसका कब्ज़ा है. यह सर्वविदित है कि कांग्रेस के लिए इस इलाके के क्या मायने हैं क्योंकि यह पार्टी के सबसे बड़े नेता सोनिया और राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने रविवार को ट्वीट किया और कहा कि 'यह कहना गलत होगा कि कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा नेता बात नहीं कर रहा है. सीएम यूपी, कांग्रेस महासचिव और प्रियंका गांधी के बीच उच्च स्तर की बातचीत चल रही है.' इस ट्वीट को सपा के साथ गठबंधन की बातचीत के लिए प्रियंका को श्रेय देने की कोशिश की तरह भी देखा जा रहा है.
Wrong to suggest lightweights were dealing on behalf of Congress party.Discussion was at highest level- b/w CM (UP),GS I/C & Priyanka Gandhi
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) January 22, 2017
बताया जा रहा है कि प्रियंका की अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल से लंबी बातचीत हुई है. लेकिन जब शनिवार को दोनों खेमे अपनी मांग पर डटे रहे तब जाकर गठबंधन की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा.
जब एक बच्चा अखिलेश को राहुल गांधी समझने की गलती कर बैठा
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के हस्तक्षेप को बड़ी ही मज़बूती से नकारा है ताकि प्रियंका गांधी की भूमिका कमज़ोर न पड़ जाए. शनिवार रात कांग्रेस प्रमुख के सहायक और उनकी ओर से फोन की व्यवस्था संभालने वाले अहमद पटेल ने ट्वीट किया था कि उन्होंने किसी भी सपा नेता को फोन नहीं किया है.
I have not spoken to any leader from Samajwadi Party. News reports mentioning this are incorrect
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) January 21, 2017
वहीं इस बातचीत का हिस्सा रहे समाजवादी पार्टी के एक नेता ने NDTV से कहा है कि अगर गठबंधन होता है तो सोनिया गांधी का हस्तक्षेप करना ही उसकी वजह होगा.
बता दें कि दोनों ही पार्टियों के बीच 10 सीटों को लेकर मामला अटका पड़ा है. अखिलेश यादव ने कहा है कि वह कांग्रेस को यूपी की 403 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा 99 सीट दे सकते हैं. वहीं कांग्रेस ने 110 की मांग की है, हालांकि बताया जा रहा है कि वह 104 सीटों पर संतुष्ट होने के लिए राज़ी है. शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने 208 उम्मीदवारों की लिस्ट लाकर कांग्रेस को चौंका दिया, साथ ही यह भी साफ कर दिया कि कांग्रेस जितनी सीटों की उम्मीद कर रही है, उससे कम में ही उसे संतुष्ट होना पड़ेगा.
इसके अलावा दो और समस्याएं हैं - सपा ने उन नौ सीटों पर भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं जो फिलहाल कांग्रेस की हैं, साथ ही यह भी संकेत दिए गए हैं कि रायबरेली और अमेठी में 10 निर्वाचन क्षेत्र में भी वह उन सात सीटों को नहीं छोड़ने वाली जिस पर फिलहाल उसका कब्ज़ा है. यह सर्वविदित है कि कांग्रेस के लिए इस इलाके के क्या मायने हैं क्योंकि यह पार्टी के सबसे बड़े नेता सोनिया और राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है.
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