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This Article is From Mar 11, 2017

विधानसभा चुनाव परिणाम : बीजेपी और कांग्रेस से कहीं अधिक वोटर हैं बधाई के असली हकदार...

विधानसभा चुनाव परिणाम : बीजेपी और कांग्रेस से कहीं अधिक वोटर हैं बधाई के असली हकदार...
पांच राज्‍यों के चुनाव में वोटिंग को लेकर लोगों का उत्‍साह काबिलेतारीफ रहा (फाइल फोटो)
पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में जहां देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्‍तर प्रदेश और इससे सटे उत्‍तराखंड में बीजेपी ने झंडा फहराया है, वहीं पंजाब में आप और अकाली-भाजपा गठबंधन की चुनौती को ध्‍वस्‍त करते हुए कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने के लिए तैयार है. दो अन्‍य छोटे राज्‍यों गोवा और मणिपुर में तस्‍वीर काफी हद तक स्‍पष्‍ट है. कांग्रेस यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की लहर पर सवार बीजेपी ने यूपी और उत्‍तराखंड में तीन चौथाई बहुमत के साथ जीत हासिल की है, वहीं पंजाब के अपने बेहतरीन प्रदर्शन और गोवा-मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर कांग्रेस अपना सम्‍मान एक हद तक बचाए रखने में सफल हो गई है. इस प्रदर्शन के लिए बीजेपी और कांग्रेस से कहीं अधिक वोटर बधाई के हकदार हैं जिन्‍होंने एक्जिट पोल के ज्‍यादातर अनुमानों और राजनीतिक पंडितों के 'गणित' को झुठलाते हुए दोनों पार्टियों को बरकत बख्‍शी है. यूपी और उत्‍तराखंड में जहां बीजेपी तीन चौथाई बहुमत के जादुई नंबर तक पहुंची है, वहीं पंजाब में कांग्रेस भी स्‍पष्‍ट बहुमत हासिल करने में सफल रही.

स्‍पष्‍ट बहुमत मिलना लोकतंत्र के लिए अच्‍छा संकेत
तीनों राज्‍यों में किसी न किसी पार्टी का स्‍पष्‍ट बहुमत मिलना लोकतंत्र के लिहाज से बेहद अच्‍छा संकेत हैं. ऐसी स्थिति में न केवल छोटी पार्टियों के 'किंगमेकर' बनने की संभावना खत्‍म होती है बल्कि हॉर्स ट्रेडिंग को भी बढ़ावा नहीं मिल पाता. वोटरों ने यूपी और उत्‍तराखंड में बीजेपी और पंजाब में कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करते हुए इस बात का अच्‍छी तरह ध्‍यान रखा है. ज्‍यादातर एक्जिट पोल में जहां यूपी में बीजेपी, सपा-कांग्रेस गठबंधन और बीएसपी में कांटे की टक्‍कर बताई जा रही थी वहीं उत्‍तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच खंडित जनादेश का अनुमान लगाया जा रहा था. इसी तरह पंजाब में सत्‍ता विरोधी लहर में अकाली-बीजेपी गठबंधन को हो रहे भारी नुकसान के बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच करीबी मुकाबले के अनुमान लगाए जा रहे थे. बहरहाल, वोटरों के मन में ऐसा कोई भी असमंजस नहीं था उन्‍होंने देश के इन तीन महत्‍वपूर्ण राज्‍यों में स्‍पष्‍ट बहुमत के साथ आगे बढ़ने का रास्‍ता साफ किया. स्‍वाभाविक है कि स्‍पष्‍ट बहुमत हासिल करने के बाद इन पार्टियों के सामने अपने चुनावी वायदों और जनता की उम्‍मीदों पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती होगी.  

गोवा और मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
गोवा और मणिपुर के जनादेश को जरूर एक हद तक खंडित माना जा सकता है. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीटों के लिए काफी कशमकश हैं लेकिन दोनों ही राज्‍यों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर नहीं है.  गोवा की कुल 40 सीटों में से 18 कांग्रेस के हिस्‍से में आई हैं जो कि बहुमत के लिए जरूरी 21 के अंक से महज तीन कम हैं. बीजेपी यहां 14 सीटों पर जीत के साथ दूसरे नंबर की पार्टी है. इसी तरह मणिपुर की 60 सीटों में से सत्‍तारूढ़ कांग्रेस के हिस्‍से में आई हैं जो बहुमत के लिए जरूरी 31 के आंकड़े से केवल तीन कम है. उम्‍मीद की जानी चाहिए कि कांग्रेस, दोनों ही राज्‍यों में इस 'नंबर को मैनेज' करने में सफल हो जाएगी. वैसे, गोवा और मणिपुर में भी एक्जिट पोल के अनुमान गलत साबित हुए हैं. ज्‍यादातर अनुमान, दोनों राज्‍यों में बीजेपी के बहुमत तक पहुंचने के थे, लेकिन उम्‍मीदों के विपरीत बीजेपी दोनों ही स्‍थानों पर दूसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई है. गोवा में इस समय बीजेपी और मणिपुर में कांग्रेस सत्‍ता पर काबिज है. स्‍वाभाविक रूप से, पहले नंबर की पार्टी होने के नाते संभवत: कांग्रेस को ही सरकार बनाने का आमंत्रण मिलेगा. बीजेपी को भी इस जनादेश का सम्‍मान करते हुए विपक्षी पार्टी की भूमिका ही निभानी चाहिए....

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