प्रतीकात्मक चित्र
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण में अपना भाग्य आजमा रहे कम से कम तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है, जबकि अन्य सात उम्मीदवारों के पास एक हजार रपये से कम की संपत्ति है। विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण आगामी 17 अप्रैल को संपन्न होगा।
दो निर्दलीय उम्मीदवारों बिनय कुमार दास और संदीप राय ने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में घोषणा की है कि न ही उनकी जेब में कोई पैसा है और न ही उनके पास कोई अन्य संपत्ति है। दास जहां रायगंज से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं राय मयूरेश्वर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
बीरभूम जिले में दुबराजपुर विधानसभा क्षेत्र से बहुजन मुक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे खगन दास ने भी घोषणा की है कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। संपर्क किए जाने पर 12वीं पास उम्मीदवार ने कहा कि वह अपने परिवार की बचत पर जीवन यापन करते रहे हैं।
28 वर्षीय खगन दास ने बताया, ‘‘मैं दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम किया करता था, लेकिन इन दिनों मैं चुनाव प्रचार और राजनैतिक काम कर रहा हूं, इसलिए मेरी सारी जमा पूंजी खर्च हो गई है।’’
‘‘वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच’’ द्वारा उम्मीदवारों की संपत्ति के विश्लेषण से पता चलता है कि राज्य में कम से कम सात उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति एक हजार रपये से अधिक नहीं है। जेब में 50 रपये के नोट के साथ 63 वर्षीय स्वाधीन दुलुई, सूरी सीट से तृणमूल के अशोक कुमार चट्टोपाध्याय के खिलाफ एसयूसीआई (सी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने दो उम्मीदवार अमर लोकसम और धुर्बा दीवान को खड़ा किया है जो क्रमश: कलिमपोंग और कुरसियोंग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इन उम्मीदवारों का दावा है कि इनके पास संपत्ति के रूप में महज 500 रुपये है।
दो अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों तथा एसयूसीआई (सी) के एक उम्मीदवार ने अपने पास केवल 1000 रुपये होने की घोषणा की है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
दो निर्दलीय उम्मीदवारों बिनय कुमार दास और संदीप राय ने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में घोषणा की है कि न ही उनकी जेब में कोई पैसा है और न ही उनके पास कोई अन्य संपत्ति है। दास जहां रायगंज से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं राय मयूरेश्वर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
बीरभूम जिले में दुबराजपुर विधानसभा क्षेत्र से बहुजन मुक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे खगन दास ने भी घोषणा की है कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। संपर्क किए जाने पर 12वीं पास उम्मीदवार ने कहा कि वह अपने परिवार की बचत पर जीवन यापन करते रहे हैं।
28 वर्षीय खगन दास ने बताया, ‘‘मैं दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम किया करता था, लेकिन इन दिनों मैं चुनाव प्रचार और राजनैतिक काम कर रहा हूं, इसलिए मेरी सारी जमा पूंजी खर्च हो गई है।’’
‘‘वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच’’ द्वारा उम्मीदवारों की संपत्ति के विश्लेषण से पता चलता है कि राज्य में कम से कम सात उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति एक हजार रपये से अधिक नहीं है। जेब में 50 रपये के नोट के साथ 63 वर्षीय स्वाधीन दुलुई, सूरी सीट से तृणमूल के अशोक कुमार चट्टोपाध्याय के खिलाफ एसयूसीआई (सी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस ने दो उम्मीदवार अमर लोकसम और धुर्बा दीवान को खड़ा किया है जो क्रमश: कलिमपोंग और कुरसियोंग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इन उम्मीदवारों का दावा है कि इनके पास संपत्ति के रूप में महज 500 रुपये है।
दो अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों तथा एसयूसीआई (सी) के एक उम्मीदवार ने अपने पास केवल 1000 रुपये होने की घोषणा की है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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