वाराणसी:
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान के अनेक ‘बड़े’ राजनेताओं के विपरीत वह प्रधानमंत्री पद के प्रति ‘आसक्त’ नहीं हैं और उनका मानना है कि पद से कुछ नहीं होता, शक्ति तो जनता में होती है।
राहुल ने संवाददाता सम्मेलन में खुद के प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना संबंधी सवाल पर कहा, ‘‘हिन्दुस्तान के बड़े राजनेता इस बात के लिए आसक्त हैं कि वे प्रधानमंत्री बनें लेकिन मेरी ऐसी कोई आसक्ति नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पद से कुछ नहीं होता, शक्ति जनता में होती है। मेरा मकसद उत्तर प्रदेश का विकास करना है। राहुल गांधी में कोई शक्ति नहीं है। मैं सिर्फ जनता की आवाज सुनता हूं और उसे लोकसभा तक ले जाता हूं। मेरा उत्तर प्रदेश में प्रगति लाने का मिशन है। जब तक उत्तर प्रदेश अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा तब तक राहुल गांधी आपकी झोपड़ियों में किसानों के साथ दिखाई देगा।’’ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कामयाबी के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए राहुल ने कहा ‘‘मेरा कहना है कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिये ठोस परिणाम आ रहे हैं। जनता कांग्रेस की तरफ देख रही है। मैं जहां भी जा रहा हूं वहां जनता हमसे कह रही है कि यहां की सरकारों ने उन्हें 22 साल बेवकूफ बनाया है।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के फिर से खड़े नहीं होने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘सीधा आंकड़ा है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी खड़ी हो जाएगी। वह 200 सीटों से भी खड़ी हो जाएगी और 100 सीटों से भी।’’
राहुल ने दोहराया कि वह उत्तर प्रदेश में किसी राजनीतिक पार्टी से समझौता नहीं करने आए हैं। उनका समझौता राज्य की जनता के साथ होगा हालांकि चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन के सवाल का उन्होंने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा, ‘‘आडवाणी जी को झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पंजाब समेत भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार नहीं दिखता। हमें अपने यहां जब भी भ्रष्टाचार का कोई मामला सुनाई दिया हमने कार्रवाई की।’’ लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने सम्बन्धी सवाल पर राहुल ने कहा, ‘‘मैंने संसद में कहा था कि हमें चुनाव आयोग की तरह वैधानिक लोकपाल गठित करने दीजिए। आडवाणी और विपक्षी नेताओं ने मेरे इस विचार की हंसी उड़ाई थी। अब आप जब उनसे पूछते हैं कि आपने संवैधानिक लोकपाल क्यों नहीं बनने दिया तो वे कहते हैं कि वह राहुल गांधी का विचार था, मगर ऐसा नहीं है, वह मेरा नहीं बल्कि देश का विचार था।’’ राहुल ने विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को भारत लाने की योग गुरु बाबा रामदेव की मांग सम्बन्धी सवाल का सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, ‘‘रामदेव जी अपने चार पांच लोगों को काले झंडे लेकर मेरी हर जनसभा में भेज रहे हैं। वह सोचते हैं कि चार झंडे देखकर राहुल भाग जाएगा। आप झंडे लगाओ, गोली मारो, जूता मारो, मैं किसी से नहीं डरता।’’
ज्ञान आयोग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा द्वारा कांग्रेस के अहम कार्यक्रमों में खुद को ‘बढ़ई’ का बेटा बताए जाने के औचित्य सम्बन्धी सवाल पर राहुल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जाति का महत्व है। सैम पित्रोदा कहते हैं कि इस देश में आशा की किरण बाकी है। वह लोगों को यह समझाते हैं कि कोई भी व्यक्ति देश को बदल सकता है। अगर आप सोचते हैं कि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो गलत सोचते हैं।’’ उत्तर प्रदेश के विभाजन के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे फैसले लेना काफी जटिल काम है, क्योंकि यह करोड़ों लोगों के भविष्य का सवाल होता है।’’ राहुल ने कहा, ‘‘मायावती ने बिना सोचे-समझे विधानसभा में दो मिनट में राज्य विभाजन का प्रस्ताव पारित करा दिया। भारत में विशेषज्ञ लोग हैं जो इस मामले को देख समझ सकते हैं। मैं समझता हूं कि ऐसे गहरे मामले में विशेषज्ञों की राय लेना जरूरी है।’’ कांग्रेस सासंद ने आरोप लगाया कि मायावती और मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश को नहीं बदलना चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य को एक ही चीज बदल सकती है और वह है आपके मुख्यमंत्री का दृढ़ निश्चय। मैं आदर के साथ मायावती और मुलायम सिंह के बारे में कहना चाहता हूं कि वे दोनों उत्तर प्रदेश को नहीं बदलना चाहते।’’ राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 100 प्रतिशत बदला जा सकता है। यह परिकल्पना छह महीने पहले नहीं थी लेकिन अब उनका दृढ़ विश्वास है कि यह प्रदेश बदल सकता है। उन्होंने कहा कि विकास के लिये सब लोगों को शामिल करना पड़ता है, जनता की आवाज सुननी पड़ती है।
राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नेता जनता की आवाज की इज्जत नहीं करते जबकि कांग्रेस ऐसा करती है। राज्य में पिछले 22 सालों से ऐसी सरकारें रही जो सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों के लिए काम करती रही हैं। ‘‘प्रदेश में कभी गुंडे सत्ता में आते हैं तो कभी चोर।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी प्रदेश में विकास नहीं हो रहा है तो उसका एक ही कारण है कि जनता की शक्ति का ठीक से इस्तेमाल नहीं हो रहा है।’’ राहुल ने कहा कि वह बसपा संस्थापक कांशीराम का सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने प्रदेश की राजनीति में योगदान किया है।
कांग्रेस महासचिव ने मायावती और मुलायम सिंह का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें उनसे काफी कुछ सीखने को मिला है लेकिन वे दोनों जनता से विमुख हो गए हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को बरसाती मेंढक करार दिए जाने के बारे में राहुल ने कहा, ‘‘अगर प्रियंका बरसाती मेंढक हैं तो मैं भी मेंढक हूं, क्योंकि मैं उनका भाई हूं।’’
राहुल ने संवाददाता सम्मेलन में खुद के प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना संबंधी सवाल पर कहा, ‘‘हिन्दुस्तान के बड़े राजनेता इस बात के लिए आसक्त हैं कि वे प्रधानमंत्री बनें लेकिन मेरी ऐसी कोई आसक्ति नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पद से कुछ नहीं होता, शक्ति जनता में होती है। मेरा मकसद उत्तर प्रदेश का विकास करना है। राहुल गांधी में कोई शक्ति नहीं है। मैं सिर्फ जनता की आवाज सुनता हूं और उसे लोकसभा तक ले जाता हूं। मेरा उत्तर प्रदेश में प्रगति लाने का मिशन है। जब तक उत्तर प्रदेश अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा तब तक राहुल गांधी आपकी झोपड़ियों में किसानों के साथ दिखाई देगा।’’ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कामयाबी के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए राहुल ने कहा ‘‘मेरा कहना है कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिये ठोस परिणाम आ रहे हैं। जनता कांग्रेस की तरफ देख रही है। मैं जहां भी जा रहा हूं वहां जनता हमसे कह रही है कि यहां की सरकारों ने उन्हें 22 साल बेवकूफ बनाया है।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के फिर से खड़े नहीं होने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘सीधा आंकड़ा है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी खड़ी हो जाएगी। वह 200 सीटों से भी खड़ी हो जाएगी और 100 सीटों से भी।’’
राहुल ने दोहराया कि वह उत्तर प्रदेश में किसी राजनीतिक पार्टी से समझौता नहीं करने आए हैं। उनका समझौता राज्य की जनता के साथ होगा हालांकि चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन के सवाल का उन्होंने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा, ‘‘आडवाणी जी को झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पंजाब समेत भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार नहीं दिखता। हमें अपने यहां जब भी भ्रष्टाचार का कोई मामला सुनाई दिया हमने कार्रवाई की।’’ लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने सम्बन्धी सवाल पर राहुल ने कहा, ‘‘मैंने संसद में कहा था कि हमें चुनाव आयोग की तरह वैधानिक लोकपाल गठित करने दीजिए। आडवाणी और विपक्षी नेताओं ने मेरे इस विचार की हंसी उड़ाई थी। अब आप जब उनसे पूछते हैं कि आपने संवैधानिक लोकपाल क्यों नहीं बनने दिया तो वे कहते हैं कि वह राहुल गांधी का विचार था, मगर ऐसा नहीं है, वह मेरा नहीं बल्कि देश का विचार था।’’ राहुल ने विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को भारत लाने की योग गुरु बाबा रामदेव की मांग सम्बन्धी सवाल का सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, ‘‘रामदेव जी अपने चार पांच लोगों को काले झंडे लेकर मेरी हर जनसभा में भेज रहे हैं। वह सोचते हैं कि चार झंडे देखकर राहुल भाग जाएगा। आप झंडे लगाओ, गोली मारो, जूता मारो, मैं किसी से नहीं डरता।’’
ज्ञान आयोग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा द्वारा कांग्रेस के अहम कार्यक्रमों में खुद को ‘बढ़ई’ का बेटा बताए जाने के औचित्य सम्बन्धी सवाल पर राहुल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जाति का महत्व है। सैम पित्रोदा कहते हैं कि इस देश में आशा की किरण बाकी है। वह लोगों को यह समझाते हैं कि कोई भी व्यक्ति देश को बदल सकता है। अगर आप सोचते हैं कि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो गलत सोचते हैं।’’ उत्तर प्रदेश के विभाजन के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे फैसले लेना काफी जटिल काम है, क्योंकि यह करोड़ों लोगों के भविष्य का सवाल होता है।’’ राहुल ने कहा, ‘‘मायावती ने बिना सोचे-समझे विधानसभा में दो मिनट में राज्य विभाजन का प्रस्ताव पारित करा दिया। भारत में विशेषज्ञ लोग हैं जो इस मामले को देख समझ सकते हैं। मैं समझता हूं कि ऐसे गहरे मामले में विशेषज्ञों की राय लेना जरूरी है।’’ कांग्रेस सासंद ने आरोप लगाया कि मायावती और मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश को नहीं बदलना चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य को एक ही चीज बदल सकती है और वह है आपके मुख्यमंत्री का दृढ़ निश्चय। मैं आदर के साथ मायावती और मुलायम सिंह के बारे में कहना चाहता हूं कि वे दोनों उत्तर प्रदेश को नहीं बदलना चाहते।’’ राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 100 प्रतिशत बदला जा सकता है। यह परिकल्पना छह महीने पहले नहीं थी लेकिन अब उनका दृढ़ विश्वास है कि यह प्रदेश बदल सकता है। उन्होंने कहा कि विकास के लिये सब लोगों को शामिल करना पड़ता है, जनता की आवाज सुननी पड़ती है।
राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नेता जनता की आवाज की इज्जत नहीं करते जबकि कांग्रेस ऐसा करती है। राज्य में पिछले 22 सालों से ऐसी सरकारें रही जो सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों के लिए काम करती रही हैं। ‘‘प्रदेश में कभी गुंडे सत्ता में आते हैं तो कभी चोर।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी प्रदेश में विकास नहीं हो रहा है तो उसका एक ही कारण है कि जनता की शक्ति का ठीक से इस्तेमाल नहीं हो रहा है।’’ राहुल ने कहा कि वह बसपा संस्थापक कांशीराम का सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने प्रदेश की राजनीति में योगदान किया है।
कांग्रेस महासचिव ने मायावती और मुलायम सिंह का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें उनसे काफी कुछ सीखने को मिला है लेकिन वे दोनों जनता से विमुख हो गए हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी को बरसाती मेंढक करार दिए जाने के बारे में राहुल ने कहा, ‘‘अगर प्रियंका बरसाती मेंढक हैं तो मैं भी मेंढक हूं, क्योंकि मैं उनका भाई हूं।’’
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