यह ख़बर 11 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

तनाव को दूर भगाएं

खास बातें

  • तनाव से उबरना इतना मुश्किल नहीं है। इसके लिए जरूरत सिर्फ दृढ़ इच्छाशक्ति और ईमानदार प्रयास की है।
New Delhi:

तनावग्रस्त होना आज की जिंदगी में जितनी सामान्य बात है, उससे मुक्त होना उतना ही कठिन समझा जाता है। अधिकांश लोग हालांकि यह जानते हैं कि तनावग्रस्त रहने से कुछ मिलने वाला नहीं है और अगर ईमानदारी से प्रयास किए जाएं तो इससे उबरना भी बहुत मुश्किल नहीं है। लोग फिर भी इसे कभी न उतारे जा सकने वाले बोझ की तरह सिर पर लादे फिरते हैं। वैसे इससे उबरना इतना मुश्किल है नहीं, इसके लिए जरूरत सिर्फ दृढ़ इच्छाशक्ति और ईमानदार प्रयास की है। केवल यह ठान लेने की कि चाहे कुछ भी हो हम तनावग्रस्त नहीं होंगे। इसका सर्वोत्तम उपाय तो यह है कि आप प्रबंधन के तरीके सीखकर इससे उबर सकते हैं। ध्यान जो आपको करेगा निर्विचार : तनाव प्रबंधन का सबसे प्रभावी तरीका तो यही है कि तनाव आपके पास आने ही न पाए और इसका कारगर उपाय है ध्यान। अगर आप नियमित रूप से ध्यान करते रहें तो तनाव आपके आस-पास भी नहीं आएगा। जैसा कि आमतौर पर लोग समझते हैं, ध्यान कोई रहस्यमय या आलौकिक जगत का मामला नहीं है। इसकी अनुभूति भले आलौकिक हो, लेकिन प्रक्रिया बिल्कुल सांसारिक और आसान है। प्रतिदिन आप थोड़ा वक्त निकालें और चुपचाप बैठ जाएं। मन में जो भी विचार उठ रहे हों, आएं या जाएं, उन्हें चुपचाप देखते रहें। थोड़ी देर मन भटकेगा, पर अगर नियमित रूप से करते रहें तो दस-बीस दिन बाद वह वक्त भी आएगा जब आप निर्विचार होंगे। इस प्रक्रिया को जितना गहरा करते जाएंगे, तनाव की आशंका आपसे उतनी ही दूर होती जाएगी। ऐसा भी नहीं है कि इसका प्रयोग आप केवल तनावग्रस्त होने से पहले ही कर सकते हैं। अगर आप तनावग्रस्त हो चुके हैं तो भी कोई बात नहीं है। बाद में भी यह प्रयोग शुरू करके आप तनाव से मुक्त हो सकते हैं। सुरुचियों को पनपने दें : इसका दूसरा प्रभावी उपाय अपनी रुचि और रचनात्मकता का विकास है। यह रुचि मिट्टी के खिलौने बनाने से लेकर कविताएं लिखने, नए व्यंजन बनाने का प्रयास, नेट सर्फिग करने, पुरातत्व या विज्ञान संबंधी खोज, शेयर बाजार में हाथ आजमाने या देश-विदेश के बारे में जानकारियां प्राप्त करने तक कुछ भी हो सकता है। आपकी जो भी रुचि हो उसे पूरा करें। अगर आपको अपनी बुक रैक या वार्डरोब सजाने का शौक है तो यही करें। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि आपको खाली बैठना नहीं पड़ेगा और तब आपको निर्थक चिंताएं भी नहीं घेरेंगी। यह आपके मन को भटकने से बचाएगा, जिससे आपको नकारात्मक विचार नहीं घेर सकेंगे। जब आपकी सोच नकारात्मक नहीं होगी तो आप तनाव से भी ग्रस्त नहीं होंगे। स्वास्थ्य और सोच : तीसरा तरीका यह है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए वह सब करें जो जरूरी है। जैसे खेलकूद में हिस्सा लें, जॉगिंग करें, योग करें और समय से खाएं-पिएं भी। इससे एक तरफ तो आपका मन नकारात्मक विचारों से बचेगा और दूसरी शरीर भी स्वास्थ्य बना रहेगा। जब भी आपको लगे कि अब तनाव आपको घेर सकता है, तुरंत सोच की दिशा बदल दें। कुछ न हो तो नाखूनों की सफाई पर ध्यान दें। इसके अलावा जब कभी मन स्थिर हो तो मन की सफाई पर ध्यान दें। ध्यान, आध्यात्म, ईश्वर की पूजा और प्राणायाम इसमें आपकी सहायता करते सकते हैं। उन सभी विचारों को चुन-चुनकर अपने मानसिक से बाहर निकाल दें जो आपके भीतर प्रदूषण के कारण बन रहे हों। वास्तव में तनाव के कारण ऐसे विचार ही बनते हैं। शांति है जरूरी : तनाव से बचने का चौथा उपाय है प्रदूषणमुक्त वातावरण। पूरा दिन भीड़ और शोर भरे वातावरण में बिताना आज सबकी मजबूरी है। लेकिन कोशिश यह करें कि रातें शांतिपूर्ण हों। नींद में व्यवधान न पड़े। जब आप परिवार के बीच हों तो अपनों के बीच होने का पूरा आनंद लें। अनचाही आवाजें, अनचाहे लोग, धूल, धुआं आपको परेशान न कर सके, इसके लिए जरूरी है कि आवास हमेशा ऐसी जगह लें जो शांतिपूर्ण हो। संसाधनों के लिए थोड़ी असुविधा भले हो, पर बाजार और औद्योगिक स्थलों से दूर हो। यह भी देखें कि वहां आसपास कुछ हरियाली और पार्क आदि भी हों, यहां आप सुबह-शाम थोड़ा वक्त भी बिता सकें। तभी आप पूरी नींद भी ले सकेंगे और जीवन का आनंद भी। यदि ऐसा कुछ भी संभव नहीं हो, तो अपने घर में ही किसी शांत स्थान को चुनकर शांत बैठें। पालतू पशुओं को दें समय : पालतू पशु मनोरंजन तो करते ही हैं, कई बार ये आपके लिए सुरक्षा कवच भी बन जाते हैं। इसलिए पालतू पशुओं को पर्याप्त महत्व दें। यह तनाव से मुक्ति का पांचवां उपाय है। कुत्ते, बिल्ली या कुछ और संभव न हो तो छोटे से एक्वेरियम में रंग-बिरंगी मछलियां ही पालें। उनका ध्यान रखें और अपना कुछ कीमती वक्त भी उनके साथ बिताएं। इससे आप अपना मन तो बहला ही सकते हैं, खुद को अकेला भी महसूस नहीं करेंगे। नींद पूरी करें : तनाव से उबरने का छठा उपाय है गहरी नींद। कड़ी प्रतिस्पर्धा से भरे इस दौर में अधिकांश लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। ध्यान रखें, बिस्तर पर पड़े रहना अलग बात है, लेकिन पर्याप्त नींद नहीं लेना बिल्कुल अलग मामला है। कम से कम छह घंटे की नींद हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, लेकिन आजकल तीन घंटे की नींद भी कम लोग ही ले पाते हैं। इसके चलते तनाव होना बिल्कुल आम है। इसलिए तब भी मौका मिले नींद लें और कोशिश यह करें कि गहरी नींद आए। अगर आपको आसानी से नहीं आती है या बीच-बीच में नींद टूटती है तो सोने से पहले थोड़ी देर ध्यान करें। फिर जब सोने जाएं तो बिस्तर पर लेटने के बाद अपना ध्यान सांसों की आवाज ही पर टिकाएं। यह प्रयास कुछ दिन तो आपको मुश्किल लग सकता है, लेकिन बाद में इससे गहरी नींद आएगी। कहीं दूर चलें : रोज एक जैसी दिनचर्या, एक-सी हाय-तौबा और एक ही जगह- ये स्थितियां हर आदमी के भीतर ऊब पैदा करती हैं। ऊब भी तनाव का एक बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए जब आपको तनाव की अनुभूति हो और आप खुद को अन्य तीरकों से इससे उबरता हुआ ना पाएं तो इस सातवें उपाय का इस्तेमाल करें। लंबी छुट्टी लें और कुछ दिनों के लिए कहीं दूर चले जाएं। जगह ऐसी चुनें जो बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी न हो। अपेक्षाकृत अनजानी जगह हो। सबसे बढ़िया होगा किसी सुदूर पर्वतीय स्थल पर चले जाना। कोई ऐसा हिल स्टेशन जहां पर्यटन की व्यावसायिक आपाधापी न हो। ऐसी जगह पहाड़ों में न ढूंढ़ते बने तो आप विलेज टूरिज्म का विकल्प भी चुन सकते हैं। घूमें-फिरें, मौज-मस्ती करें, नए मित्र बनाएं और मौका मिले तो स्पा भी हो आएं। इसके बाद आप खुद को बिल्कुल नया अनुभव करेंगे और तनाव को आप दूर भगा सकेंगे। इस तरह देखें तो तनाव को दूर भगाना कोई कठिन बात नहीं है। आवश्यकता केवल इस बात की है कि चाहे कुछ भी हो जाए, आपको तनावग्रस्त नहीं रहना है। वैसे भी समस्याएं तनाव से नहीं, सही तरीके से और सही दिशा में किए गए प्रयास से हल होती हैं। फिर अकारण तनाव को पाला ही क्यों जाए?


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