विज्ञापन
This Article is From Jul 25, 2019

शादी के दिन हाथों में मेहंदी लगाकर परिवार से बोली लड़की- 'नहीं करनी मुझे अभी शादी...' और फिर

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले के मझगवां ब्लॉक के टगरपार गांव की सोना (17) मेंहदी लगे हाथों के साथ, अपने ही मेहंदी कार्यक्रम से बाहर निकलती है और शादी न करने का ऐलान करती है.

शादी के दिन हाथों में मेहंदी लगाकर परिवार से बोली लड़की- 'नहीं करनी मुझे अभी शादी...' और फिर
मप्र में जागरूक नाबालिग किशोरी ने दिखाई दिलेरी, शादी से किया इनकार.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले के मझगवां ब्लॉक के टगरपार गांव की सोना (17) मेंहदी लगे हाथों के साथ, अपने ही मेहंदी कार्यक्रम से बाहर निकलती है और शादी न करने का ऐलान करती है. एक गांव की लड़की के लिए ऐसा करना अनोखा था. उसके एक कमरे वाला मिट्टी का घर मेहमानों से भरा था, इसके बावजूद उसके माता-पिता ने उसके निर्णय का समर्थन किया. 

इस VIDEO के कारण सस्पेंड हुई गुजरात की महिला पुलिसकर्मी, सलमान के गाने पर थाने के अंदर कर रही थी डांस

सोना ने पहले शादी की अनुमति दे दी थी, क्योंकि वह बाल विवाह के दुष्परिणामों से अनजान थी. उसकी दादी मां, मां और मौसी की शादी भी तभी हुई थी, जब वे नाबालिग थीं. शादी से दो दिन पहले सोना की शादी रुकवाने में उसकी मौसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सोना ने कहा, "मेरी मौसी ने मुझे अपनी परेशानियों के बारे में बताया कि किस तरह नाबालिग उम्र में शादी होने के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. वह 15 साल से क्रोनिक एनीमिया से पीड़ित हैं, क्योंकि शादी के दो साल बाद ही जब वह 16 साल की थी, तभी उनकी पहली संतान पैदा हो गई थी. वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में रह रही हैं, क्योंकि अब उनके छह बच्चे हैं, उनकी सबसे छोटी संतान सात महीने की है. उन्होंने मुझे शादी के लिए ना कहने के लिए कहा, वरना मुझे भी कुछ ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा."

विकेट पर लगी बॉल और गिल्ली का हुआ ये हाल, अंपायर के फैसले के बाद झल्ला गया गेंदबाज, देखें VIDEO

सोना की मौसी रेखा बाई (32) ने खुलासा किया कि डॉक्टरों ने उन्हें और बच्चे नहीं पैदा करने की सलाह दी है, लेकिन उनके मजदूर पति को पुरुष नसबंदी कराने की जरूरत महसूस नहीं होती. उन्होंने कहा, "घरवाले जल्द से जल्द मेरी शादी करवाना चाहते थे, क्योंकि उनके पास इतनी आमदनी नहीं थी कि वे एक और पेट भर सकें. मेरे ससुराल वालों ने मुझे मेरी पढ़ाई पूरी नहीं करने दी और मैं जल्द ही मां बन गई. मैं अपनी भतीजी और बेटियों को उन्हीं परिस्थितियों का सामना नहीं करने दूंगी. यदि मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी होती, तो आज मेरा जीवन कुछ और हो सकता था."

IAS पर लगा दूसरी शादी करने का आरोप तो कहा- 'मुझे जाल में फंसाया और...'

सोना ने अपनी मौसी की दुदर्शा देख यह निश्चय किया कि वह उनकी राय जरूर मानेगी. सोना की मां मिंता बाई का कहना है कि वह खुश हैं कि उनकी बहन ने उनकी बेटी को समझाने का कदम उठाया. उन्होंने बताया कि रेखा को अपनी पढ़ाई छोड़ने का बहुत पछतावा है. उन्होंने कहा, "यह निर्णय लेना उसके लिए बहुत ही साहस का काम था. मैंने और मेरे पति ने उस पर दबाव नहीं बनाने का फैसला किया है." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सोना की शादी को रोकने के लिए परिवार के अन्य सदस्यों को को भी राजी करना था.

#MeToo में फंसा पाकिस्तान का बल्लेबाज इमाम, लड़कियों से करता दिखा ऐसी बातें, Viral हुई चैट

एक स्थानीय कार्यकर्ता शिव कैलाश मवासी ने कहा कि वह पिछले हफ्ते सोना के यहां गए थे और उन्हें सोना की शादी की सूचना दी गई थी. उन्होंने सोना की उम्र का हवाला देते हुए उसके माता-पिता को शादी रोकने के लिए मनाने की कोशिश भी की थी. उन्होंने कहा, "मैं सोना और उसकी मौसी का साहस देख कर खुश हूं, जो उन्होंने पूरे परिवार को इस निर्णय के लिए मनाया और सोना को आगे पढ़ने दिया."

महिला के पेट से निकले सिक्के, चेन, पायल और घड़ियां, डॉक्टर्स देखकर रह गए हैरान

पारिवारिक स्वास्थ्य की दृष्टि से जिले की स्थिति औसत दर्जे की है. इस ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश समस्याएं नाबालिग विवाह, एनीमिया और कुपोषण से जुड़ी हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जिले की 20-24 वर्ष की उम्र की 40.3 प्रतिशत महिलाओं का विवाह 18 वर्ष की आयु से पहले कर दिया गया था.

परिवार को खोने के बाद शख्स ने बनाया 40 हजार वृक्षों का जंगल, प्रियंका गांधी बोलीं- 'असम्भव कुछ नहीं, सिर्फ...'

ऐसा पाया गया है कि 15-19 वर्ष की 4.9 प्रतिशत महिलाएं पहले ही मां बन चुकी थीं या सर्वेक्षण के समय गर्भवती थीं और जिले में 6-59 महीने के बीच के 73.4 प्रतिशत बच्चे एनीमिया से ग्रसित थे. वहीं जिले में 15 से 49 वर्ष की उम्र की लगभग 48 प्रतिशत गैर-गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से ग्रसित पाया गया. आंकड़े जिले में स्वास्थ्य देखभाल की खराब स्थिति और जागरूकता की कमी को दशार्ते हैं.

(इनपुट-आईएएनएस)
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com