प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच के लिए तीन−चौथाई की बजाय अब दो−तिहाई बहुमत जरूरी, भ्रष्टाचार का मामला साबित होने से पहले सांसद या विधायक की संपत्ति जब्त होने जैसी कार्रवाई नहीं...
New Delhi:
लोकसभा में मंगलवार को चली लंबी बहस के बाद लोकपाल बिल पास हो गया है। यह बिल कुछ संशोधनों के साथ पास हुआ है, जो इस प्रकार हैं- 1. प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच के लिए तीन−चौथाई की बजाय अब दो−तिहाई बहुमत जरूरी। 2. भ्रष्टाचार का मामला साबित होने से पहले सांसद या विधायक की संपत्ति जब्त होने जैसी कार्रवाई नहीं। 3. लोकायुक्त नियुक्त करने या न करने का फैसला राज्य खुद करेंगे। 4. सैन्य बल, कोस्ट गार्ड और सार्वजनिक पैसों से चलने वाले ट्रस्ट, कंपनियां दायरे से बाहर। लेफ्ट के वासुदेव आचार्य ने कॉरपोरेट्स को लोकपाल के दायरे में लाने का संशोधन रखा, लेकिन गिर गया। लेकिन सरकार के कई संशोधन पास हो गए। लोकसभा में बहस के बाद जब वोटिंग की बारी आई तो बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। इसके बाद विपक्ष के सारे संशोधन गिरते गए। सरकार ने लोकपाल की लड़ाई का एक दौर जीत लिया है, लेकिन फिलहाल यह जीत अधूरी मानी जा रही है, क्योंकि राज्यसभा में इस बिल पर सरकार की कड़ी परीक्षा होगी। उधर, टीम अन्ना को डर है कि लोकपाल बिल का हाल भी महिला आरक्षण बिल की तरह ही न हो जाए। इस बीच आज रामलीला ग्राउंड में टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक हो रही है। टीम अन्ना कल की लोकसभा की कार्यवाही से खुश नहीं है। उसका कहना है कि संशोधनों के बावजूद ये बिल कमजोर है। अब वह आने वाले दिनों के लिए आंदोलन का कार्यक्रम बनाएगी। 30 तारीख से उसका जेल भरो आंदोलन अपनी जगह चलता रहेगा।