
Japan moves for 4 day workweek regime: क्या हफ्ते में 5 दिन की जगह सिर्फ 4 दिन काम करके भी बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है? जापान इस सवाल का जवाब 'हां' में दे रहा है. जापान सरकार अब 4 दिन के वर्कवीक मॉडल की ओर कदम बढ़ा रही है, जिसमें कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी मिलेगी. इसका उद्देश्य है, कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी, मेंटल हेल्थ और कुल जीवन संतुलन को बेहतर बनाना. जापान लंबे समय से अपने 'करोड़ों घंटे काम' वाले कल्चर के लिए जाना जाता रहा है. वहां की वर्कफोर्स पर अत्यधिक दबाव और तनाव के चलते 'करोशी' यानी 'ओवरवर्क से मौत' जैसे मामले सामने आते रहे हैं. यही वजह है कि अब सरकार ने काम के घंटों को कम करने पर गंभीरता से विचार शुरू कर दिया है.

क्या कहती है रिपोर्ट? (4-day workweek Japan)
एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान की कई कंपनियों ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है. माइक्रोसॉफ्ट जापान द्वारा पहले किए गए एक ट्रायल में देखा गया कि 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी के चलते कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में 40% तक की वृद्धि हुई. इसके साथ ही बिजली और ऑफिस संसाधनों की बचत भी हुई.

कौन-कौन से देश पहले से कर रहे हैं फॉलो? (how many countries had 4 day workweek regime)
- जापान अकेला देश नहीं है जो 4 डे वर्क वीक पर आगे बढ़ रहा है.
- आइसलैंड में 2015-2019 के बीच किए गए ट्रायल को बेहद सफल बताया गया.
- स्पेन, न्यूज़ीलैंड, यूके और जर्मनी जैसे देशों में भी इस मॉडल को लेकर सकारात्मक रुख देखने को मिला है.
- यूएस और कनाडा में कई प्राइवेट कंपनियां पहले ही इस फॉर्मूले को अपना चुकी हैं.

क्या भारत को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल? (Japan work culture reform)
भारत जैसे देश में जहां वर्क-लाइफ बैलेंस एक बड़ी चुनौती है, वहां 4 दिन का वर्कवीक सिस्टम कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बढ़ावा दे सकता है. हालांकि, यहां की इंडस्ट्रीज के अनुसार इसकी सफलता सेक्टर-टू-सेक्टर भिन्न हो सकती है. अगर कंपनियां इस फॉर्मूले को सही तरीके से लागू करें तो यह एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है.
ये भी पढ़ें :- इस देश का राष्ट्रीय पशु है गधा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं