नए डिजाइन से तैयार बैटरी को 1000 बार चार्ज करने पर इसकी महज एक फीसद ऊर्जा ही खत्म होगी. तस्वीर प्रतीकात्मक है.
बोस्टन: जरा सोचिए, ऑफिस से घर लौट रहे हों और भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच कांटे की टक्कर वाला क्रिकेट मैच चल रहा हो. आप इस रोमांच का आनंद लेने के लिए अपना स्मार्टफोन निकालते हैं और ऑनलाइन लाइव मैच देखने लगते हैं. मैच बेहद रोमांचक मोड़ पर है और आपके मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति पैदा होने पर हम सब को कितनी झुंझलाहट होती है और अचानक मन में ख्याल आता है- 'काश...कोई ऐसा मोबाइल होता जिसकी बैटरी लंबे टाइम तक चलती.' अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसी बात का ख्याल रखते हुए ऐसी बैटरी की खोज की है जो 10 साल से ज्यादा समय तक चलेगी.
हार्वर्ड के जॉन ए पॉलसन इंजीनियरिंग और एप्लाइड साइंसेज के स्कूल के शोधकर्ताओं ने ऐसी बैटरी का ईजाद किया है जिसमें ऊर्जा का संग्रह पानी में घुलनशील आर्गेनिक मोलेक्यूल में किया जाता है. इस बैटरी की क्षमता बाजार में उपलब्ध सभी से ज्यादा है. शोधकर्ताओं का दावा है कि यह बैटरी 10 साल से ज्यादा समय तक चल सकती है.
शोधकर्ता माइकल अजीज ने बताया कि फिलहाल जो बैटरी बाजार में उपलब्ध हैं, उसमें चार्जिंग के दौरान काफी ऊर्जा बर्बाद होती है. शोध में इसी बर्बादी को रोकने की कोशिश की गई है.
शोध में पता चला कि नॉन-टॉक्सिक फ्लो बैटरी बाहरी टैंकों में ऊर्जा को तरल रूप में रखती है. इस तरीके से अक्षय ऊर्जा, हवा और सौर ऊर्जा के संग्रह का भी समाधान हो सकता है.
उन्होंने बताया कि मोलेक्यूल्स को पानी में घुलने लायक बनाया गया है. इसके लिए इसकी संरचना में बदलाव किया गया है. नए डिजाइन से तैयार बैटरी को 1000 बार चार्ज करने पर इसकी महज एक फीसद ऊर्जा ही खत्म होगी. फिलहाल बाजार में मौजूद लीथियम आयन बैटरी एक हजार बार चार्ज करने पर पूरी तरीके से खत्म हो जाती है.
जर्नल एसीएस एनर्जी लेटर्स में छपी शोध में कहा गया है कि ऊर्जा को घुलनशील बना देने से बैटरी को लंबे समय तक प्रयोग किया जा सकता है.