ये हैं एशिया में डीजल इंजन ट्रेन की पहली महिला ड्राइवर, 25 साल से तोड़ रहीं रूढ़िवादिता की जंजीरें

ये हैं एशिया में डीजल इंजन ट्रेन की पहली महिला ड्राइवर, 25 साल से तोड़ रहीं रूढ़िवादिता की जंजीरें

मुमताज (45) को कई तरह की रेलगाड़ियों के परिचालन में महारत हासिल है.

खास बातें

  • मुमताज 25 साल से ट्रेन की ड्राइवर हैं.
  • सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले रेलवे मार्ग पर ट्रेन चलाती हैं मुमताज.
  • राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मुमताज को 'नारी शक्ति पुरस्कार' दिया.
मुंबई:

मुंबई की मोटरवुमेन मुमताज एम. काजी, जिन्हें तीन साल पहले एशिया का पहली महिला डीजल इंजन चालक होने का गौरव प्राप्त हुआ था, बुधवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित किया. इस साल विभिन्न क्षेत्रों से सात शीर्ष महिलाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

मुमताज (45) को कई तरह की रेलगाड़ियों के परिचालन में महारत हासिल है. वर्तमान में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-ठाणे खंड पर मध्य रेलवे की उपनगरीय लोकल ट्रेन को चलाती है, जो कि महिला चालक द्वारा चलाए जानेवाला अब तक का भारत का पहला और सबसे भीड़भाड़ वाला रेलवे मार्ग है.

केंद्रीय रेलवे के अधिकारी ने बताया कि एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार से आनेवाली काजी करीब 25 साल से ट्रेन इंजन की चालक रही हैं और देश की लाखों महिलाएं उनसे प्रेरणा हासिल कर रही हैं. 

हालांकि यह सब उस लड़की के लिए बिल्कुल आसान नहीं था, जिसने 1989 में सांताक्रूज उपरनगर के सेठ आनंदीलाल पोद्दार हाईस्कूल से पढ़ाई की थी और रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन किया था. 

उनका विरोध करने वाला पहला व्यक्ति उनके पिता अल्लारखू इस्माइल काथवाला थे, जो एक वरिष्ठ रेलवे कर्मचारी थे. लेकिन कुछ पारिवारिक मित्रों और रेल अधिकारियों ने उन्हें मुमताज को सपना पूरा करने देने के लिए मना लिया. 

अब पूरा परिवार मुमताज पर गर्व करता है. वह सायन में रहती हैं. उन्होंने नंदुरबार के एक बिजली इंजीनियर मकसूद काजी से शादी की है, जिससे उनके 14 वर्षीय बेटा तौसीफ और 11 वर्षीय फतेन हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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