हैदराबाद पुलिस ने मंगलवार को बताया, कि यहां एक निजी अस्पताल की एम्बुलेंस के एक ड्राइवर ने गाड़ी के लिए ट्रैफिक क्लीयरेंस पाने के लिए एम्बुलेंस सायरन का दुरुपयोग किया और नाश्ता करने के लिए सड़क किनारे एक भोजनालय में रुक गया.
एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी जिसने एम्बुलेंस को मंजूरी दी, उसने देखा कि वह अस्पताल जाने के बजाय सड़क किनारे एक भोजनालय के पास रुक गई थी. एम्बुलेंस के अंदर कोई मरीज नहीं मिला और पूछताछ के दौरान पता चला कि ड्राइवर ने यातायात मंजूरी पाने के लिए गैर-आपातकालीन स्थिति में ही सायरन चालू किया था. पुलिस ने कहा कि उसने यातायात उल्लंघन को छिपाने की भी कोशिश की.
वहां कोई आपात स्थिति नहीं थी और एंबुलेंस में कोई मरीज नहीं था. उन्होंने बताया, कि वाहन में अन्य लोगों के अलावा दो नर्सें भी थीं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार रात को हुई जब एम्बुलेंस व्यस्त बशीरबाग जंक्शन से गुजर रही थी और उसके ड्राइवर ने सायरन बजा दिया जिसके बाद ट्रैफिक कांस्टेबल ने तुरंत वाहन को आगे बढ़ने के लिए रास्ता साफ कर दिया.
ट्रैफिक कांस्टेबल ने सोचा कि यह एक एमरजेंसी है, लेकिन उसने देखा कि एम्बुलेंस ट्रैफिक सिग्नल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर सड़क किनारे एक भोजनालय के पास रुकी हुई है. उन्होंने ड्राइवर से पूछताछ की, जो ट्रैफिक पुलिसकर्मी के शरीर पर लगे वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड हो गया.
बॉडी-कैम फुटेज में, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, हाथ में फलों के जूस की बोतल पकड़े हुए ड्राइवर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि नर्सों में से एक के साथ कुछ स्वास्थ्य समस्या थी.
इस पर ट्रैफिक कांस्टेबल ड्राइवर से कहता है, "जब आपने सायरन चालू किया था, उसके बाद मैंने एम्बुलेंस को क्लीयरेंस दे दी थी, लेकिन अस्पताल न जाकर आप 'मिर्ची भज्जी' खा रहे हैं और चाय पी रहे हैं. मरीज कहां है?" मिर्ची भज्जी खाने के लिए आपने सायरन चालू कर दिया?” ट्रैफिक कांस्टेबल ने ड्राइवर से आगे कहा कि वह रिपोर्ट दर्ज करेगा और वीडियो को उच्च अधिकारियों को भेज देगा और "हम गंभीर कार्रवाई करेंगे".
देखें Video:
#TelanganaPolice urges responsible use of ambulance services, citing misuse of sirens. Genuine emergencies require activating sirens for swift and safe passage. Strict action against abusers is advised.
— Anjani Kumar IPS (@Anjanikumar_IPS) July 11, 2023
Together, we can enhance emergency response and community safety. pic.twitter.com/TuRkMeQ3zN
पुलिस ने कहा कि इसके बाद, मोटर वाहन अधिनियम का "उल्लंघन" करने के लिए ड्राइवर के खिलाफ 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया.
पुलिस उपायुक्त (यातायात-प्रथम) राहुल हेगड़े ने पीटीआई-भाषा को बताया, "यह एक गैर-आपातकालीन स्थिति थी और एम्बुलेंस चालक को सायरन का उपयोग नहीं करना चाहिए था. अगर यह एक आपातकालीन स्थिति थी, तो उन्हें अस्पताल जाना चाहिए था... उन्होंने ऐसा नहीं किया और सड़क किनारे भोजनालय में खाना खाते पाए गए. केवल इसलिए यातायात मंजूरी मिलने पर उन्होंने सायरन बजा दिया.''
डीसीपी ने आगे कहा, "हम दुरुपयोग के संबंध में अस्पताल को भी सूचित करेंगे. अगर बार-बार उल्लंघन या गंभीर उल्लंघन पाया जाता है, तो हम ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करेंगे."
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अंजनी कुमार ने मंगलवार को सायरन के दुरुपयोग का हवाला देते हुए ट्विटर पर वीडियो पोस्ट किया और आग्रह किया कि एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए.
डीजीपी ने ट्वीट किया: "#तेलंगाना पुलिस एम्बुलेंस सेवाओं के जिम्मेदार उपयोग का आग्रह करती है... वास्तविक आपात स्थिति में तेज और सुरक्षित मार्ग के लिए सायरन सक्रिय करने की आवश्यकता होती है. दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सलाह दी जाती है. साथ मिलकर, हम आपातकालीन प्रतिक्रिया और सामुदायिक सुरक्षा बढ़ा सकते है."
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं