विज्ञापन
This Article is From Apr 20, 2017

जल्लीकट्टू में इस्तेमाल किए गए सांड का हुआ ऑपरेशन, पेट से निकली हैरान कर देने वाली चीजें

जल्लीकट्टू में इस्तेमाल किए गए सांड का हुआ ऑपरेशन, पेट से निकली हैरान कर देने वाली चीजें
प्रतीकात्मक तस्वीर
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सांड को भूख न लगने पर वेटर्निटी कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट लाया आया.
सांड के पेट से प्लास्टिक की थलियां और एक एलईडी बल्ब निकाला गया.
इस सांड का इस्तेमाल जल्लीकट्टू में किया गया था.
नई दिल्ली: तंजावुर के एक संस्थान के पशु चिकित्सकों ने एक सांड के पेट से 38.4 किलोग्राम प्लास्टिक की थलियां और एक एलईडी बल्ब निकाला. तिरूचिरापल्ली जिले का अय्यप्पन सांड को भूख न लगने और कमजोरी की शिकायत के बाद बुधवार को यहां वेटर्निटी कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के टीचिंग वेटरनली क्लीनिकल कंप्लेक्स (टीवीसीसी) लेकर आया था. इस सांड का इस्तेमाल जल्लीकट्टू में किया गया था.

जांच के बाद उसकी सर्जरी की गई. टीवीसीसी सूत्रों ने बताया कि सर्जरी के बाद पशु के पेट से चिकित्सकों ने 38.4 किलोग्राम प्लास्टिक की थलियां, एक एलईडी बल्ब, सेफ्टी पिन, नाखून और रस्सी निकाली. बता दें, जल्लीकट्टू तमिलनाडु में खेला जाने वाला एक खेल है. तमिल भाषा जानने वालों का कहना है कि 'जल्ली' शब्द दरअसल 'सल्ली' से आया है जिसका मतलब होता है 'सिक्के' और कट्टू का अर्थ है 'बांधा हुआ.'

जल्लीकट्टू सांडों का खेल है जिसमें उसके सींग पर कपड़ा बांधा जाता है. जो खिलाड़ी सांड के सींग पर बांधे हुए इस कपड़े को निकाल लेता है उसे ईनाम के रूप में सिक्के या पैसे मिलते हैं. इसलिए इस खेल को जल्लीकट्टू के नाम से जाना जाता है.

(इनपुट एजेंसियों से भी)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com