प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन सप्ताह पहले हुई रूस यात्रा के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में असहजता की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ ‘‘व्यापक'' वार्ता की. दोनों नेता क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए तोक्यो में हैं. यह मुलाकात ऐसे समय भी हुई है, जब न्यूयॉर्क में सिख चरमपंथी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित विफल साजिश से संबंधित मामले में नयी दिल्ली से वाशिंगटन जवाबदेही की लगातार मांग कर रहा है.
Great to catch up with @SecBlinken in Tokyo today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 28, 2024
Our bilateral agenda progresses steadily. Also had a wide ranging discussion on regional and global issues.
Look forward to attending the Quad FMM tomorrow.
🇮🇳 🇺🇸 pic.twitter.com/TMGwHKHciT
एस जयशंकर ने क्या कहा?
यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि जयशंकर-ब्लिंकन वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा और पन्नू की हत्या की कथित साजिश पर चर्चा हुई या नहीं. जयशंकर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने और ब्लिंकन ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘‘तोक्यो में आज विदेश मंत्री ब्लिंकन से मुलाकात करके बहुत अच्छा लगा. हमारा द्विपक्षीय एजेंडा लगातार आगे बढ़ रहा है. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई.''
ब्लिंकन ने क्या कहा?
ब्लिंकन ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि उन्होंने ‘‘अमेरिका-भारत सहयोग को बढ़ाने तथा क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए'' जयशंकर से मुलाकात की. समझा जाता है कि बातचीत में रूस-यूक्रेन संघर्ष और गाजा की समग्र स्थिति पर चर्चा हुई. अमेरिका और उसके कई सहयोगी मोदी की आठ से नौ जुलाई तक की रूस यात्रा के समय को लेकर नाराज माने जाते हैं, क्योंकि उसी समय वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन हो रहा था. यह भी समझा जाता है कि कुछ पश्चिमी देश मोदी द्वारा अपने तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए रूस का चयन किए जाने से भी नाराज हैं.
अमेरिका क्यों है नाराज?
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की सुनवाई में कहा था कि अमेरिका मोदी की रूस यात्रा के ‘‘प्रतीकवाद'' और ‘‘समय'' को लेकर निराश है. बाइडन प्रशासन के अधिकारी ने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय प्रधानमंत्री ने मॉस्को की यात्रा तब की, जब वाशिंगटन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था. नयी दिल्ली ने बृहस्पतिवार को लू की टिप्पणियों को खारिज किया और कहा कि बहुध्रुवीय दुनिया में सभी देशों को ‘‘विकल्प की आजादी'' है और सभी को ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना चाहिए.
पन्नू को लेकर पहले से है टेंशन
इस बीच, भारत और यूक्रेन अगले महीने भारतीय प्रधानमंत्री की कीव यात्रा की योजना बना रहे हैं. पन्नू की हत्या की कथित साजिश के बाद भी भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ असहजता आई है. पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में भारत के एक सरकारी कर्मी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था. आतंकवाद के आरोप में भारत में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. पिछले साल जून में चेक गणराज्य में गिरफ्तार किए गए गुप्ता को पिछले महीने अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था. अमेरिका के आरोपों के बाद भारत ने जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी. अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट' ने अप्रैल में कथित साजिश में एक भारतीय अधिकारी का नाम लिया था.
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