
इजराइल और ईरान के बीच जारी जंग हर दिन बीतने के साथ तेज होती जा रही है. अब ईरान ने बुधवार को इजराइल के ऊपर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला करने का दावा किया है. ये पहली बार है, जब इजराइल के साथ युद्ध में ईरान ने अपनी घातक मिसाइल फतह-1 का प्रयोग किया है. इसी के साथ ईरानी फौजों ने इजराइल में अपने कब्जे वाले इलाकों के आसमान पर पूरा कंट्रोल हासिल करने का दावा किया है.
हाइपरसोनिक मिसाइल होती क्या है?
हाइपरसोनिक मिसाइल अत्याधुनिक हथियार हैं जो धरती के वातावरण में बेहद तेज रफ्तार से उड़ती हैं और वार करती हैं. इनकी स्पीड ध्वनि की गति से पांच गुना यानी 6,100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक हो सकती है. इतना ही नहीं, ये मिसाइलें उड़ते समय बीच में ही अपनी दिशा भी बदल सकती हैं. इसकी वजह से इन्हें ट्रैक करना और रोकना बहुत मुश्किल होता है.
फतह हाइपरसोनिक मिसाइल कितनी खास
रफ्तार: 6,100 किमी प्रति घंटा तक
रेंज: 1,400 किमी तक हमले में सक्षम
लंबाई: 12 मीटर लंबी है फतह-1 मिसाइल
वजन: 200 किलो विस्फोटक ले जा सकती है
क्लास: फतह-1 मीडियम रेंज मिसाइल है
ताकत: आधुनिक डिफेंस सिस्टम्स को भेद सकती है
खासियतः बीच उड़ान में दिशा बदल सकती है
कितनी घातक है ये मिसाइल?
फतह-1 मिसाइल 12 मीटर लंबी है. ये 1,400 किलोमीटर तक मार कर सकती है. ये मीडियम रेंज मिसाइल है. ये मिसाइल सॉलिड फ्यूल पर चलती है. एक बार इसे दाग दिया जाए तो फिर ये अपने ठिकाने पर जाकर ही लगती है. ईरान वॉच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 200 किलो विस्फोटक लगाया जा सकता है.
इजराइली सुरक्षा कवच में सेंध
फतह-1 मिसालइल में हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) वॉरहेड का इस्तेमाल किया जाता है जो दुश्मन की रक्षा प्रणाली को चकमा देने के लिए बनाया गया है. दावा किया जाता है कि फतह मिसाइल इजराइल के सुपर एडवांस्ड मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसे आयरन डोम और एरो को भी चकमा देने में सक्षम है. ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स इसे इजराइल स्ट्राइकर कहते हैं.
खामेनेई ने रखा था मिसाइल का नाम
फतह-1 ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है. साल 2023 में इसका पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया गया था. इसका नाम ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने रखा था. मौजूदा युद्ध के बीच खामेनेई ने ऐलान कर दिया है कि इजराइलियों पर किसी तरह का रहम नहीं किया जाएगा.
इजराइली आसमान पर कब्जा
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर ने बताया कि ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस-3 की 11वीं कड़ी में फतह-1 मिसाइल का इस्तेमाल किया गया. इसी के साथ ईरानी सेना ने इजराइल में अपने कब्जे वाले इलाकों में आसमान पर अपना कब्जा करने का दावा किया है.
इस जंग में पहली बार इस्तेमाल
ऐसा नहीं है कि ईरान ने पहली बार येरुशलम के खिलाफ हाइपरसोनिक मिसाइल पहली बार इस्तेमाल की हैं. इससे पहले पिछले साल 1 अक्टूबर को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-II के तहत ईरान ने इजराइल पर कई फतह-1 मिसाइलें दागी थीं. लेकिन मौजूदा जंग में ईरान की तरफ से पहली बार इनका इस्तेमाल किया गया है.
जंग से हालात बेकाबू, तनाव बढ़ा
इस युद्ध में फतह-1 मिसाइल का इस्तेमाल दिखाता है कि ईरान और इजराइल के बीच तनाव किस हद तक बढ़ चुका है. ईरान और इजराइल के बीच शुक्रवार से जंग छिड़ी हुई है. इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य अड्डों पर बड़ा बॉम्बिंग मिशन शुरू किया. इसके बाद ईरान भी अपनी क्षमता के मुताबिक इजराइल को जवाब दे रहा है.
मारक हथियारों का इस्तेमाल
इजराइल और ईरान दोनों तरफ से लंबी दूरी के मारक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कोई भी देश पीछे हटने को राजी नहीं है. इसका असर पूरे मध्य-पूर्व और आसपास के इलाकों में हो रहा है. रिहाइशी इलाकों में भी काफी नुकसान हुआ है. इसके बाद तमाम देश अपने-अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त इलाकों से बाहर निकालने में जुटे हुए हैं.
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