
जम्मू-कश्मीर में अक्सर पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम का उल्लंघन किया जाता है... (प्रतीकात्मक फोटो)
- तनाव कम करने के लिए दोनों देश सीधी बातचीत करें
- अफगानिस्तान के मामलों से निपटने में पाक-भारत दोनों की भूमिका
- दोनों देश अफगानिस्तान को स्थिर करने में मदद कर रहे हैं
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वाशिंगटन:
अमेरिका ने भारत एवं पाकिस्तान से अपील की है कि दोनों देश अपने बीच तनाव कम करने के लिए सीधी बातचीत करते रहें. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने संवाददाताओं से कहा, मेरा मानना है कि हम जो पहला काम करेंगे, वह यह होगा कि हम भारत और पाकिस्तान से सीधी वार्ता करने की अपील करेंगे या उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच तनाव कम किया जा सके. अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इससे एक दिन पहले पाकिस्तान के साथ कुछ मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए कुछ कदम उठाने की अपील की थी. हीथर से टिलरसन के इस बयान से संबंधित प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने यह जवाब दिया.
...तो अमेरिका के लिए कब्रगाह बन जाएगा अफगानिस्तान : तालिबान की चेतावनी
हीथर से उनके दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, वह ऐसे कौन से कदमों का जिक्र कर रहे थे जो भारत उठा सकता है? उनसे जब पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान के साथ कश्मीर के समाधान को जोड़ रहे थे, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय रणनीति के अनुसार, अफगानिस्तान के मामले से निपटने में भारत एवं पाकिस्तान शामिल हैं. उस क्षेत्र में उन सभी देशों को शामिल करना मददगार हो सकता है, जो अफगानिस्तान को ऐसा एक स्थिर स्थान बनाने में मदद कर सकते है जहां कोई भी आतंकवादी समूह नहीं हो जो उस देश में जड़ें जमा सके या अन्य देशों पर हमले कर सके. प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर के मामले में, हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है. हम दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करते रहेंगे कि वे बैठकर वार्ता करें. (इनपुट्स : भाषा)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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हीथर से उनके दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, वह ऐसे कौन से कदमों का जिक्र कर रहे थे जो भारत उठा सकता है? उनसे जब पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान के साथ कश्मीर के समाधान को जोड़ रहे थे, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय रणनीति के अनुसार, अफगानिस्तान के मामले से निपटने में भारत एवं पाकिस्तान शामिल हैं. उस क्षेत्र में उन सभी देशों को शामिल करना मददगार हो सकता है, जो अफगानिस्तान को ऐसा एक स्थिर स्थान बनाने में मदद कर सकते है जहां कोई भी आतंकवादी समूह नहीं हो जो उस देश में जड़ें जमा सके या अन्य देशों पर हमले कर सके. प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर के मामले में, हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है. हम दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करते रहेंगे कि वे बैठकर वार्ता करें. (इनपुट्स : भाषा)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)