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This Article is From Jul 17, 2020

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के हर सदस्य पर वीज़ा बैन लगाने पर विचार कर रहा है US: रिपोर्ट्स

पूरी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर बैन लगाना एक बड़ा कदम होगा क्योंकि इसके तहत अमेरिका आने वाले हर चीनी की जांच करनी होगी. चीन के सरकारी मीडिया ने पिछले साल बताया था कि 90 मिलियन से ज्यादा लोग पार्टी से जुड़े हैं. इसमें 35 फीसदी 'मजूदर और किसान' हैं.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के हर सदस्य पर वीज़ा बैन लगाने पर विचार कर रहा है US: रिपोर्ट्स
ट्रंप चीन पर दबाव बनाने के लिए हर विकल्प पर विचार कर रहे हैं. (फाइल फोटो)
वॉशिंगटन:

पहले ट्रेड वॉर फिर दुनियाभर में कोरोनावायरस फैलने (Coronavirus) के बाद से ही अमेरिका ने चीन को लगातार अपने निशाने पर ले रखा है. अब गुरुवार को अमेरिका की ओर से कहा गया है कि अमेरिका चीन पर दबाव बनाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है. ऐसी खबरें आई थीं कि अमेरिका चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के हर सदस्य पर वीज़ा बैन (Visa Ban) लगाने पर विचार कर रहा है, जिसके बाद चीन ने इसपर विरोध जताया था. लेकिन चीन के विरोध पर अमेरिका ने फिर कहा है कि वो चीन के खिलाफ कदम उठाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है.

New York Times और बाद में The Wall Street Journal ने रिपोर्ट छापी थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में चीनी सत्तारूढ़ पार्टी के सभी सदस्यों की एंट्री पर रोक लगाने वाले एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं. इसके बाद विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो से भी सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 'ट्रंप प्रशासन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ कदम उठाने पर विचार कर रहा है.' उन्होंने सीधा-सीधा जवाब न देते हुए कहा कि 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम यह अमेरिकी मूल्यों के साथ करें और हमारे पास कई सारे विकल्प हैं, जिनपर राष्ट्रपति और हमारी सरकार विचार कर रही है.'

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केली मैक्नेनी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ट्रंप ने चीन के खिलाफ किसी एक्शन की संभावना से इनकार नहीं किया है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने अमेरिका के वीज़ा बैन के प्रस्ताव को दुनिया के 'सबसे शक्तिशाली देश' का 'दयनीय कदम' बताया. 

पत्रकारों से बातचीत में चुनयिंग ने कहा कि 'हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका ऐसे किसी भी कदम से बचेगा और सामान्य अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खराब करने के साथ-साथ अपनी विश्वसनीयता को कम नहीं करेगा.'

बता दें कि ट्रंप लगातार चीन पर हमले बोल रहे हैं. उन्होंने कोरोनावायरस के लिए पूरी तरह से चीन को जिम्मेदार ठहराया है. पिछले हफ्ते ही उनके विदेश मंत्रालय ने चीन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को वीज़ा देने से इनकार करने की बात कही थी. अमेरिका ने ये इनकार मानवाधिकार समूहों की ओर से उठाए जा रहे शिनजियांग प्रांत में उइघर और तुर्क मुस्लिमों के साथ हुए अत्याचार के मुद्दे के आधार पर किया है.

लेकिन पूरी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर बैन लगाना एक बड़ा कदम होगा क्योंकि इसके तहत उन्हें अमेरिका आने वाले हर चीनी की जांच करनी होगी. चीन के सरकारी मीडिया ने पिछले साल बताया था कि 90 मिलियन से ज्यादा लोग पार्टी से जुड़े हैं. इसमें 35 फीसदी 'मजूदर और किसान' हैं.

Video: 31 दिसंबर 2020 तक H1-B वीजा पर पाबंदी जारी

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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