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अमेरिकी हमलों पर UNSC की आपात बैठक, ईरान भड़का... अमेरिका, इजरायल पर लगाए कई आरोप

UNSC की आपात बैठक में ईरान ने कहा कि अमेरिका और इजरायल ने कूटनीति को नष्ट करने का काम किया है.

अमेरिकी हमलों पर UNSC की आपात बैठक, ईरान भड़का... अमेरिका, इजरायल पर लगाए कई आरोप
न्यूयॉर्क:

UNSC की आपात बैठक में ईरान अपनी परमाणु फैसिलिटी पर हुए हमले को लेकर अमेरिका, इजरायल पर खूब भड़का. ईरान ने UNSC की आपात बैठक में अमेरिका और इजरायल पर कई गंभीर आरोप लगाए. ईरान ने कहा कि परमाणु फैसिलिटी पर हमला कर अमेरिका और इजरायल दोनों ही देशों ने कूटनीति को नष्ट करने का काम किया है. वहीं ईरान के आरोपों को अमेरिका ने निराधार करार दिया. इस बैठक में चीन ने भी अमेरिका की तीखी आलोचना की. रूस ने भी ईरान परमाणु फैसिलिटी पर हुए हमलों की जमकर निंदा की.

इजरायल ने क्या कुछ कहा

इजरायल ने अपने हमलों को देश की सुरक्षा से जुड़ा बताया. इजरायल ने ईरान पर परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम उठाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा देने के लिए "झूठी रियायतें" देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इजरायल ने कूटनीति के लिए इंतजार किया, लेकिन कोई विकल्प न होने पर कार्रवाई की. इजरायल ने UNSC से इजरायल का समर्थन करने का आह्वान किया. ईरान के परमाणु कार्यक्रम इजरायल ने क्षेत्रीय आतंकवाद वैश्विक खतरा करार दिया. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी जताई नाराजगी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में शांति के लिए भावुक अपील की. उन्होंने ईरान की परमाणु फैसिलिटी पर अमेरिका के हालिया सैन्य हमलों के बाद उत्पन्न संकट को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया. गुटेरेस ने कहा कि हम शांति को छोड़ नहीं सकते और न ही छोड़ना चाहिए. उन्होंने क्षेत्र में प्रतिशोध और गहरे संघर्ष के खतरों को रोकने के लिए तत्काल प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया.

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अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा

अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे" के एजेंडे के तहत सत्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान पर अमेरिका का हमला क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति में एक "खतरनाक मोड़" है. उन्होंने दो दिन पहले की गई अपनी अपील का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने कहा था- शांति को एक मौका दें. उस अपील पर ध्यान नहीं दिया गया. इसके बजाय, अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु फैसिलिटी पर बमबारी ने पहले से ही संकटग्रस्त क्षेत्र में खतरनाक मोड़ ला दिया है.

गुटेरेस ने सैन्य तनाव की निंदा करते हुए कूटनीति की वकालत की और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए "विश्वसनीय, व्यापक और सत्यापन योग्य समाधान" की मांग की, जिसमें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के निरीक्षकों को पूर्ण पहुंच शामिल है. उन्होंने कहा कि इस संकट की शुरुआत से, मैंने मध्य पूर्व में किसी भी सैन्य कार्रवाई की निंदा की है. क्षेत्र के लोग विनाश के एक और चक्र को सहन नहीं कर सकते. फिर भी, हम अब प्रतिशोध के बाद प्रतिशोध के गर्त में उतरने का जोखिम उठा रहे हैं. इसे रोकने के लिए कूटनीति को जीतना होगा.

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चीन ने बताया अंतरराष्ट्रीय उल्लंघन का हमला

तीन न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है. UNSC की आपात बैठक ईरान की परमाणु फैसिलिटी पर हुए हमलों के बाद बुलाई गई. इस बैठक में चीन ने इसे अंतरराष्ट्रीय उल्लंघन करने वाला हमला करार दिया. 

संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत फू कांग ने यूएन सुरक्षा परिषद को बताया कि चीन “ईरान पर अमेरिकी हमलों और परमाणु फैसिलिटी पर बमबारी की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा, “हम तत्काल युद्ध विराम की मांग करते हैं”, चीन स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने के जोखिम को लेकर बेहद चिंतित है. संघर्ष में शामिल पक्षों, खास तौर पर इजरायल को तत्काल युद्ध विराम पर पहुंचना चाहिए, ताकि “तनाव बढ़ने” और युद्ध के “फैलने” को रोका जा सके.

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रूस ने अमेरिका को निशाने पर लिया

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेन्ज़्या ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि अमेरिका ने ईरान की परमाणु फैसिलिटी पर अपने हमलों के साथ “एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की स्थिति के प्रति अपनी पूरी अवमानना ​​प्रदर्शित की है.” “यह न केवल हजारों फिलिस्तीनी महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों की हत्याओं पर आंखें मूंदने के लिए तैयार है, बल्कि पूरी मानवता की सुरक्षा और ... भलाई के साथ भी खिलवाड़ करना है. नेबेन्ज़्या ने कहा कि ईरान में अपने कार्यों के माध्यम से, अमेरिका ने पैंडोरा बॉक्स खोल दिया है जिसमें “कोई नहीं जानता कि यह क्या नई तबाही और पीड़ा लाएगा.”

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