- रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आठ दशमलव आठ तीव्रता का भूकंप आया, जिससे सुनामी लहरें उत्पन्न हुईं.
- सुनामी का असर जापान के होक्काइडो द्वीप और रूस के कुरील द्वीप समूह पर प्रमुख रूप से देखा गया.
- जापानी कलाकार रियो तात्सुकी ने 1999 में एक मंगा में 2025 में जापान में बड़े संकट की भविष्यवाणी की थी.
बुधवार तड़के रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे सुनामी लहरें उठीं, जिनका असर जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो और रूस के कुरील द्वीप समूह पर पड़ा. इस विनाशकारी घटना ने अब जापानी कलाकार रियो तात्सुकी की वह भविष्यवाणी याद आ रही है जो उन्होंने साल 1999 में की थी. अब जापान में जो हालात हैं उसके बाद लोग इस भविष्यवाणी के सच होने का दावा करने लगे हैं. हालांकि भविष्यवाणी सच होने में थोड़ा समय लग गया है. हालांकि इसमें किसी भी नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है.
25 दिन बाद आई सुनामी
तात्सुकी के मंगा 'द फ्यूचर आई सॉ' के अनुसार, 5 जुलाई, 2025 को दक्षिणी जापान में एक बड़ा संकट आने की भविष्यवाणी की गई थी. सुनामी जापान में इस भविष्यवाणी के 25 दिन बाद आया है लेकिन फिर भी लोग यही सोच रहे हैं कि क्या रयो तात्सुकी ने जो कहा था कहीं वह पूरे महीने के लिए तो नहीं था. भीषण भूकंप और सुनामी के साथ, लोग इस भविष्यवाणी की तरफ फिर से देख रहे हैं और सवाल कर रहे हैं कि क्या यह किसी व्यापक समय-सीमा की बात कर रही थी. वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि समय भले ही साफ न हो लेकिन इन अजीबोगरीब समानताओं से इनकार नहीं किया जा सकता.
1999 में की थी भविष्यवाणी
सोशल मीडिया पोस्ट्स ने इस घटना को तात्सुकी की भविष्यवाणी से जोड़ा और कहां कि घटना भले 5 जुलाई के आसपास भी नहीं है लेकिन फिर भी उनकी भविष्यवाणी का सम्मान करने की भी सलाह दी. रियो तात्सुकी को 'जापानी बाबा वांगा' कहा जाता है जिनकी अक्सर कई भविष्यवाणियां सच साबित हुई हैं. 1999 में, तात्सुकी ने अपने भविष्य के सपनों पर आधारित एक मंगा, द फ्यूचर आई सॉ, को पब्लिश किया था.
डायना की मौत की भविष्यवाणी हुई सच
तात्सुकी ने साल 1991 में फ्रेडी मर्करी की मौत, 1995 में कोबे में आए खतरनाक भूकंप और फिर 2011 में जापान में आई विनाशकारी सुनामी की भविष्यवाणी की थी.यह सब उन्होंने अपने सपनों में दर्ज किया था. इन घटनाओं के होने से पहले ही उन्होंने इनका जिक्र कर दिया था. तात्सुकी ने अब जुलाई 2025 में एक महासुनामी की चेतावनी दी थी. उन्होंने जापान के दक्षिण में समुद्र को 'उबलते' देखा है- जिसे पानी के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट के संकेत के तौर पर बताया गया है. इसकी जो व्याख्या की गई है उसके अनुसार यह बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बन सकता है. साथ ही बड़े स्तर पर तबाही भी आ सकती है.
क्या बोले वैज्ञानिक
रियो के सपने में सुनामी का केंद्र जापान, ताइवान, इंडोनेशिया और उत्तरी मारियाना द्वीप समूह को जोड़ने वाले हीरे के आकार के क्षेत्र में था. उसने इस क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए ड्रैगन जैसी आकृतियां भी नजर आईं जो हवाई के पास के नक्शों में दिखाई दे रही थीं. हैरानी की बात है कि 25 जुलाई को हवाई द्वीप पर भी सुनामी आई. हालांकि वैज्ञानिकों ने इस साल ऐसी सुनामी की किसी भी बात से साफ इनकार कर दिया.
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