चीन (China) ने जब साल 2019 के आखिर में वुहान में कोरोना (Corona) होने का खुलासा किया था, उससे दो हफ्ते पहले दक्षिण कोरिया (South Korea) के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी तिमाही बैठक में एक सैद्धांतिक स्वास्थ्य खतरे पर प्रतिक्रिया की योजना बना रहे थे. ब्लूमबर्ग के अनुसार, यह खतरा था पहले कभी नहीं देखा गया ऐसा वायरस जो चीन में फैल रहा था और इसके कारण निमोनिया के केस बढ़ रहे थे. इस बैठक का समय एक तुक्का था, लेकिन यह इस मुद्दे का चयन नहीं. कोरिया ने इससे केवल चार साल पहले मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम या मर्स बीमारी से अहम सबक लिया था. देश ने बीमारियों पर प्रतिक्रिया देने का अपना पूरा सिस्टम ही बदल डाला था, जिसके कारण जब कोविड आया, तो दक्षिण कोरिया कोरोना से निपटने में बाकी देशों से आगे रहा.
एक ऐसी दुनिया में जो अभी भी कोरोना से उबर रही है, जहां अभी भी हर दिन कई लोग, कोरोना से मारे जा रहे हैं, वहां कोरिया के अधिकारी एक बार फिर अपनी एप्रोच को रिव्यू कर रहे हैं, और अगली महामारी की तैयारी कर रहे हैं...जो उनके मुताबिक, अगले दस साल में फिर से आ सकती है.
कोरिया की कोविड रणनीति का आधार, लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक मौत टालने के लिए, वैश्विक सफलता के तौर पर देखा गया. यह 466 पेज की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर है, जो मर्स क्राइसिस के दौरान, कोरिया की डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी और दूसरे स्वास्थ्य अधिकारियों, की प्रतिक्रिया पर है.
संक्रामक बीमारियों और उनकी वैक्सीन के साथ सार्वजिक स्वास्थ्य देखने वाले KDCA के कमिश्नर क्योंग रैन पेक ने कहा, हमने सीखा कि मरीजों को तेजी से ढूंझना ज़रूरी है और उन्हें लक्षण दिखने से पहले बाकी लोगों से अलग करना ज़रूरी है. मर्स के कारण , जब कोविड आया, तब कोरिया ने पहले ही बड़े पैमाने पर एक टेस्ट एंड ट्रेस सिस्टम बना लिया था ताकि बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने से रोका जा सके.
कोरिया अब अगले खतरे से निपटने के लिए हाई-रिस्क समूह और हाई-रिस्क फेसिलिटी पर केंद्रित नए सुधार कर रहा है.
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