अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अमेरिकी सीनेट ने तीन महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर तीन भारतीय-अमेरिकी नागरिकों की नियुक्ति को आम सहमति से मंजूरी दे दी है. इनमें ट्रंप प्रशासन के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी पर विशेष अधिकारी (जार) की नियुक्ति भी शामिल है. भारत के लिहाज से यह नियुक्ति बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों में इस मुद्दे को लेकर मतभेद रहता है.
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सीनेट ने फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य के रूप में नील चटर्जी और ट्रंप प्रशासन के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एन्फोर्समेंट कोऑर्डिनेटर के रूप में विशाल अमीन की नियुक्ति को मंजूरी दी है. वहीं, कृष्ण उर्स को पेरू में राजदूत नियुक्त किया गया है.
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निक्की हेली के बाद दूसरे भारतीय-अमेरिकी
निक्की हेली के बाद कृष्ण उर्स राजदूत के रूप में नियुक्ति पाने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी हैं. नए आईपी जार के रूप में अमीन की जिम्मेदारी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के मामलों का संयोजन करने की होगी. गौरतलब है कि विभिन्न वस्तुओं के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार को लेकर भारत और अमेरिका के बीच लगातार खींचतान चलती रहती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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निक्की हेली के बाद दूसरे भारतीय-अमेरिकी
निक्की हेली के बाद कृष्ण उर्स राजदूत के रूप में नियुक्ति पाने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी हैं. नए आईपी जार के रूप में अमीन की जिम्मेदारी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के मामलों का संयोजन करने की होगी. गौरतलब है कि विभिन्न वस्तुओं के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार को लेकर भारत और अमेरिका के बीच लगातार खींचतान चलती रहती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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