"यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए तैयार": संयुक्त राष्ट्र से बोला रूस

रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) को बताया कि रूसी बसें पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए क्रॉसिंग पॉइंट पर तैयार हैं.

रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया कि वह भारतीयों, अन्य लोगों को यूक्रेन से निकालने के लिए तैयार है

रेज़ज़ो,:

रूस (Russia) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) को बताया कि रूसी बसें पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) के खार्किव और सूमी शहरों में भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को निकालने के लिए क्रॉसिंग पॉइंट पर तैयार हैं.  गौरतलब है, भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिक पूर्वी यूरोपीय देश में भीषण युद्ध के बीच फंसे हुए हैं. दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में ज़ापोरिज्ज्या परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले के बाद UN Security Council ने शुक्रवार को अल्बानिया, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बुलाए गए एक आपातकालीन सत्र का आयोजन किया. बैठक के दौरान, संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन में फंसे विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण रेसक्यू के लिए कार्य कर रही है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेन के लोगों ने  3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को पूर्वी यूक्रेन के खार्किव और सूमी शहरों में "बलपूर्वक" रख रहे हैं. "वहां आतंकवादी नागरिकों को शहर नहीं छोड़ने दे रहे है . नेबेंजिया ने कहा उनके इस हरकत से न सिर्फ यूक्रेनियन बल्कि विदेशियों भी प्रभावित हो रहे है.  उन्होनें बताया कि  यूक्रेन में वहा के लोगों ने  बड़ी संखेया में विदेशी नागरिकों को बलपूर्वक बंधक बना रखा है.

वसीली नेबेंजिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि खार्किव में भारत के 3,189 नागरिक, वियतनाम के 2,700 नागरिक, घाना के 101 नागरिक और  चीन के 121 नागरिक मौजूद है. "उन्होंने कहा कि रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में  130 आरामदायक बसें आज सुबह 6 बजे से भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिक को निकालने के लिए खार्किव और सुमी जाने के लिए क्रॉसिंग पॉइंट 'नेखोटीवका' और 'सुजा' पर  तैयार खड़ी हैं. रूसी दूत ने बताया कि चेकपॉइंट पर आराम के लिए अस्थायी निवास और गर्म  खाने की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही वहा दवाओं की सुविधा और  मोबाइल मेडिकल स्टेशन भी हैं. उन्होंने कहा, "बाहर निकाले गए सभी लोगों को फिर बेलगोरोड ले जाया जाएगा, और वहां से हवाई मार्ग से उनके वतन पहुंचाया जाएगा. "

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वही, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि वह पूर्वी यूक्रेन के शहर सूमी से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव संभव कोशिश कर रहा है. दूतावास ने कहा कि वह यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए निकासी मार्गों की पहचान के लिये रेड क्रॉस सहित सभी संबंधित वार्ताकारों के संपर्क में है. सूमी उन संघर्ष क्षेत्रों में से एक है, जहां रूसी और यूक्रेनी सेनाओं के बीच भीषण लड़ाई देखने को मिल रही है. दूतावास ने ट्वीट किया, “सूमी में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए सभी संभव तरीके तलाश रहे हैं. रेड क्रॉस सहित सभी वार्ताकारों के साथ निकासी और उसके संभावित मार्गों की पहचान पर चर्चा की.” दूतावास ने कहा, “जब तक हमारे सभी नागरिकों को बाहर नहीं निकाल लिया जाता, तब तक नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेगा. सुरक्षित रहें, सशक्त बने रहें.”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को बताया था कि सूमी में करीब 700 भारतीयों के फंसे होने की जानकारी है. एक संवाददाता सम्मेलन में बागची ने यूक्रेन और रूस, दोनों पक्षों से खारकीव और सूमी सहित संघर्ष वाले अन्य क्षेत्रों से भारतीयों की निकासी के लिए ‘स्थानीय स्तर पर युद्ध विराम' का भी आग्रह किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)