Rome:
सेंट पीटर्स चौराहे और रोम की सड़कों पर मौजूद हजारों लोगों की भीड़ के बीच पोप बेनडिक्ट 16वें ने जॉन पॉल द्वितीय को 'धन्य' घोषित कर दिया। इसके साथ ही स्व. पॉल को पूर्ण संत का दर्जा देने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा दिया गया है। किसी भी बिशप को 'धन्य' घोषित करने की धार्मिक प्रक्रिया 'बेटिफिकेशन' कहलाती है। यह प्रक्रिया किसी शख्सियत को पूर्ण संत का दर्जा प्रदान करने से पहले की अवस्था होती है। वेटिकन के लिए किसी व्यक्ति को संत घोषित करने से पहले उसके द्वारा किए गए चमत्कारों की घोषणा करना जरूरी होता है। समाचार एजेंसी 'आरआईए नोवोस्ती' के अनुसार, 'बेटिफिकेशन' के मौके पर करीब 10 लाख लोगों की भीड़ एकत्र थी, जिनके बीच बेनडिक्ट 16वें ने अपने पूववर्ती पोप जॉन पॉल द्वितीय को 'धन्य' घोषित किया। इनमें फ्रांस की नन मैरी सिमॉन-पियरे भी मौजूद थीं, जिनका दावा है कि पोप ने उन्हें पार्किन्सन्स रोग से मुक्ति दिलाई थी। रोम में इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ छह साल पहले जॉन पॉल द्वितीय की मौत वक्त एकत्र हुई थी, जब करीब 30 लाख लोग इटली की राजधानी में एकत्र हुए थे। लोगों को धन्यवाद देने के लिए दो मई को सुबह सेंट पीटर्स चौराहे पर एक अन्य समारोह होगा।
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जॉन पॉल द्वितीय, धन्य