इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए सिलसिलेवार आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है। आईएस ने एक बयान जारी कर ने कहा है कि उसके लड़ाके अपने शरीर पर विस्फोटक बांधकर और मशीनगनों से गोलियां बरसाते हुए ऐसी जगहों पर हमले कर रहे थे जिनका बहुत सावधानी से अध्ययन किया गया था। इस हमले में अब तक कम से 127 लोगों की मौत मरने की खबर है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं।
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसे इस्लामिक स्टेट द्वारा फ्रांस के खिलाफ युद्ध छेड़ने की घटना करार देते हुए बगैर किसी रहम के पलटवार करने का संकल्प लिया है। हमले के लिए जिम्मेदार सभी आठ आतंकियों को मार गिराया गया है।
अपनी सरकार की प्रतिक्रिया की योजना बनाने के लिए एक आपात सुरक्षा बैठक के बाद ओलांद ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की और देश की सुरक्षा को इसके उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया। ओलांद ने फ्रांस के खिलाफ नरसंहार के लिए आतंकी सेना, इस्लमिक स्टेट संगठन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे उन मूल्यों पर हमला बताया जिसकी रक्षा फ्रांस दुनिया भर में करता है। उन्होंने इसे एक स्वतंत्र देश के खिलाफ बताया, जिसका मतलब पूरा ग्रह है। (पेरिस हमले पर दुनिया के तमाम नेताओं ने जताया शोक)
ओलांद ने कहा, 'पूरे पेरिस में आतंकवादियों की सेना (इस्लामिक स्टेट) द्वारा किए गए सिलसिलेवार हमले फ्रांस जैसे एक आजाद देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के समान हैं।' उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के साथ क्रूरता से निपटा जाएगा। ओलांद ने कहा, 'यह एक कड़ी परीक्षा है, जिसने एक बार फिर हम पर हमला बोला है।' उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं?'
जैसा कि उन्होंने बताया कि फ्रांस की आतंकवाद रोधी पुलिस ने हमलावरों के संभावित सहयोगियों की पहचान के लिए काम किया है। हमलावरों की राष्ट्रीयता, उनके मंसूबे, यहां तक कि उनकी सटीक संख्या रहस्य बने हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सात आत्मघाती हमलों में आठ का मरना फ्रांस में एक नई आतंकी तरकीब है।
राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता के साथ खड़ा रहेगा। ओलांद ने अपना तुर्की का दौरा रद्द कर दिया है। वह वहां जी-20 समिट में भाग लेने जाने वाले थे।
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