सू ची की पार्टी ने अब तक घोषित नतीजों में संसद के दोनों सदन में करीब 90% सीटें जीती हैं (AFP)
यंगून:
म्यांमार के चुनाव में अपनी लोकतंत्र समर्थक पार्टी के ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ने के साथ आंग सान सू ची ने राष्ट्रपति और यहां की शक्तिशाली सेना के साथ 'राष्ट्रीय सुलह' की बातचीत का आह्वान किया। सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) रविवार के राष्ट्रीय चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करती नजर आ रही है। इसने संसद के उच्च और निचले सदन के अब तक घोषित नतीजों में करीब 90 फीसदी सीटें जीती हैं।
चुनाव अधिकारियों ने अभी एनएलडी को आधिकारिक तौर पर विजेता घोषित नहीं किया है। इसके बावजदू जो नतीजे आते दिख रहे हैं उससे म्यांमार में सत्ता संतुलन नया स्वरूप लेने के आसार हैं। यहां पिछले 50 साल से से सेना तथा उसके सहयोगी सत्ता पर हावी रहे हैं। सू ची के समर्थक इसको लेकर चिंतित बने हुए हैं कि इन चुनाव परिणामों पर सेना की क्या प्रतिक्रिया होगी। उनकी चिंता वाजिब भी है, क्योंकि 1990 में एनएलडी ने जीत दर्ज की थी लेकिन सेना ने इस लोकतंत्र समर्थक पार्टी को सत्ता से उपेक्षित कर दिया था।
लोकतंत्र की चाहत में लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहने वाली सूची ने राष्ट्रपति थेन सीन को लिखे पत्र में कहा, 'नागरिकों ने इस चुनाव में अपनर इच्छा जता दी है। मैं आपको अगले सप्ताह आपके सहूलियत के हिसाब से राष्ट्रीय सुलह पर चर्चा के लिए आमंत्रित करती हूं।' सू ची के पत्र को एनएलडी ने फेसबुक पर शेयर किया है। म्यांमार के सूचना मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति सीन ने नतीजों की आधिकारिक घोषणा के बाद सू ची से मुलाकात की सहमति जताई है। जानकारों का मानना है कि म्यांमार में आने वाले समय मुश्किल भरे हो सकते हैं, क्योंकि सेना द्वारा तैयार संविधान सेना को संसद की 25 फीसदी सीटें और प्रमुख सुरक्षा पद बतौर तोहफे में देता है।
चुनाव अधिकारियों ने आज कहा कि निचले सदन की अब तक घोषित 182 सीटों के नतीजे घोषित किए हैं जिनमें एनएलडी को 163 सीटें मिली हैं। म्यांमार के केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि सू ची ने अपनी ग्रामीण सीट बरकरार रखी हैं। वहीं सत्तारूढ़ सेना समर्थित यूनियन सोलीडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी: चुनाव में नाकाम रही है। इसके प्रभावशाली संसदीय स्पीकर श्वे मान और पार्टी अध्यक्ष एच ओ उन कद्दावर उम्मीदवारों में शामिल हैं जिन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
सू ची ने सैन्य शासन के तहत 15 साल नजरबंदी में बिताए हैं। वह एक उपचुनाव के जरिए यांगून के पास स्थित एक ग्रामीण बस्ती कावहमु से 2012 में संसद में पहुंची थी। आज विपक्षी नेता ने म्यांमार के राष्ट्रपति और राष्ट्र के शक्तिशाली सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रीय सुलह वार्ता के लिए अपील की है। उन्होंने कहा है कि नागरिकों ने इस चुनाव में अपनी इच्छा जाहिर की है।
चुनाव अधिकारियों ने अभी एनएलडी को आधिकारिक तौर पर विजेता घोषित नहीं किया है। इसके बावजदू जो नतीजे आते दिख रहे हैं उससे म्यांमार में सत्ता संतुलन नया स्वरूप लेने के आसार हैं। यहां पिछले 50 साल से से सेना तथा उसके सहयोगी सत्ता पर हावी रहे हैं। सू ची के समर्थक इसको लेकर चिंतित बने हुए हैं कि इन चुनाव परिणामों पर सेना की क्या प्रतिक्रिया होगी। उनकी चिंता वाजिब भी है, क्योंकि 1990 में एनएलडी ने जीत दर्ज की थी लेकिन सेना ने इस लोकतंत्र समर्थक पार्टी को सत्ता से उपेक्षित कर दिया था।
लोकतंत्र की चाहत में लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहने वाली सूची ने राष्ट्रपति थेन सीन को लिखे पत्र में कहा, 'नागरिकों ने इस चुनाव में अपनर इच्छा जता दी है। मैं आपको अगले सप्ताह आपके सहूलियत के हिसाब से राष्ट्रीय सुलह पर चर्चा के लिए आमंत्रित करती हूं।' सू ची के पत्र को एनएलडी ने फेसबुक पर शेयर किया है। म्यांमार के सूचना मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति सीन ने नतीजों की आधिकारिक घोषणा के बाद सू ची से मुलाकात की सहमति जताई है। जानकारों का मानना है कि म्यांमार में आने वाले समय मुश्किल भरे हो सकते हैं, क्योंकि सेना द्वारा तैयार संविधान सेना को संसद की 25 फीसदी सीटें और प्रमुख सुरक्षा पद बतौर तोहफे में देता है।
चुनाव अधिकारियों ने आज कहा कि निचले सदन की अब तक घोषित 182 सीटों के नतीजे घोषित किए हैं जिनमें एनएलडी को 163 सीटें मिली हैं। म्यांमार के केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि सू ची ने अपनी ग्रामीण सीट बरकरार रखी हैं। वहीं सत्तारूढ़ सेना समर्थित यूनियन सोलीडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी: चुनाव में नाकाम रही है। इसके प्रभावशाली संसदीय स्पीकर श्वे मान और पार्टी अध्यक्ष एच ओ उन कद्दावर उम्मीदवारों में शामिल हैं जिन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
सू ची ने सैन्य शासन के तहत 15 साल नजरबंदी में बिताए हैं। वह एक उपचुनाव के जरिए यांगून के पास स्थित एक ग्रामीण बस्ती कावहमु से 2012 में संसद में पहुंची थी। आज विपक्षी नेता ने म्यांमार के राष्ट्रपति और राष्ट्र के शक्तिशाली सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रीय सुलह वार्ता के लिए अपील की है। उन्होंने कहा है कि नागरिकों ने इस चुनाव में अपनी इच्छा जाहिर की है।
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