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This Article is From May 17, 2011

'भारत को शत्रु के तौर पर देखना बंद करे पाक'

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना के भारत को धमकाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आगे बढ़ने और तरक्की के लिए पड़ोसी देश के साथ संबंधों की समीक्षा की अपील करते हुए कहा कि इस्लामाबाद को दिल्ली को सबसे बड़े दुश्मन के तौर पर देखना बंद करना होगा। करगिल संकट के शुरू होने से पहले शरीफ भारत के साथ वार्ता में शामिल थे और साथ ही उन्होंने 1999 के भारत के साथ संघर्ष की जांच की मांग की थी। पाक के पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल (एन) प्रमुख नवाज शरीफ अभी दक्षिणी सिंध प्रांत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। कराची में मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने यह टिप्पणी की। उन्होंने सरकार से वर्ष 2006 मे सैन्य अभियान के दौरान मारे गए बलोच नेता नवाब अकबर बुगती और 12 मई 2007 के कराची हत्याकांड की जांच कराए जाने की मांग की। गौरतलब है कि 12 मई 2007 को कराची में उच्चतम न्यायालय के बख्रास्त तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के समर्थन में रैली निकालने की कोशिश में 40 लोग मारे गये थे। नवाज शरीफ की सरकार का परवेज मुशर्रफ ने 1999 में सैन्य तख्तापलट कर दिया था। उन्होंने सेना और आईएसआई के बजट को अन्य लोकतंत्र के समान संसद के समक्ष रखे जाने की मांग दुहरायी। शरीफ ने कहा कि उन्हें इस बात का सबसे ज्यादा अफसोस है कि वह 1990 के दौरान शक्तिशाली सेना को काबू में नहीं रख पाये । उन्होंने कहा कि दो मई को अमेरिकी अभियान के दौरान अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की संसद द्वारा प्रस्ताव पारित कर एक स्वतंत्र आयोग से जांच कराए जाने की मांग संसद को संप्रभु बनाने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है।

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