इजरायल ने हमला कर ईरान के S-300 एयर डिफेंस सिस्टम को बनाया निशाना; सैटेलाइट इमेज से खुलासा

Iran-Israel Conflict : रूस ने वर्षों की बातचीत के बाद 2016 में ईरान को S-300 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी पूरी की थी. सबसे खतरनाक एयर डिफेंस सिस्टम में से एक की ईरान को हुई आपूर्ति ने इजरायल के भीतर चिंता पैदा कर दी थी.

इजरायल ने हमला कर ईरान के S-300 एयर डिफेंस सिस्टम को बनाया निशाना; सैटेलाइट इमेज से खुलासा

Iran-Israel Conflict : इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर हमला कर दुनिया में तनाव पैदा कर दिया है.

Iran-Israel Conflict :पिछले हफ्ते ईरान (Iran) के इस्फ़हान प्रांत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए थे. यह हमला कथित तौर पर इजरायल (Israel) से शुरू हुआ और उस क्षेत्र को निशाना बनाया गया, जहां ईरान के परमाणु अड्डे और एयर डिफेंस सिस्टम हैं. अमेरिकी समाचार एजेंसियों ने कहा कि इजरायल ने हमले किए. इस बीच, यहूदी राज्य इजरायल ने न तो इस हमले को लेकर कोई ऐलान किया है और न ही हमले से इनकार किया. ये हमले ईरान के इजरायल पर ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल हमले करने के एक हफ्ते बाद हुए. तेहरान की ओर से लक्षित हमले अचानक और तनाव चरम पर पहुंचने के बाद हुए.

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न्यूयॉर्क टाइम्स और बीबीसी ने उस क्षेत्र की सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण किया है, जहां इजरायल के ड्रोन और एक मिसाइल से हमला किया गया था. कथित तौर पर यह हमला एक युद्धक विमान से लॉन्च किया गया था. सैटेलाइट इमेज में रूसी मूल की एस-300 सरफेस-एयर एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को इस्फ़हान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उत्तर-पूर्व में स्थित दिखाया गया है. सैटेलाइट इमेज में 15 अप्रैल को गुप्त जगह पर रखे सरफेस-एयर एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिखे. हालांकि, 19 अप्रैल को Google Earth पर लैटेस्ट इमेज में वह स्थान खाली दिखा. वहां एस-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का कोई निशान मौजूद नहीं था. नटान्ज़ परमाणु अड्डा हमले की जगह के उत्तर में स्थित है.

बीबीसी ने अपने विश्लेषण के आधार पर बताया कि इस डिफेंस सिस्टम में रडार, विशिष्ट मिसाइल लॉन्चर और अन्य उपकरणों से लैस कई वाहन शामिल हैं. कथित तौर पर ड्रोन और मिसाइलों ने सिस्टम पर हमला किया, जिसका अर्थ है कि इजरायली हथियार ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम से बचने में कामयाब रहे और बिना पहचाने वापस चले गए और एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगे क्षेत्र पर हमला कर दिया.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दो ईरानी अधिकारियों ने कहा कि ईरान की सेना ने शुक्रवार को ड्रोन, मिसाइलों और विमानों सहित ईरान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाली किसी भी चीज़ का पता नहीं लगाया. इस रिपोर्ट का ईरान की राज्य मीडिया एजेंसी आईआरएनए ने भी समर्थन किया है. आईआरएनए ने कहा कि कोई मिसाइल हमला नहीं हुआ था और ईरान की एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय नहीं हुईं थी. बीबीसी और न्यूयॉर्क टाइम्स की सैटेलाइट इमेज में एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान दिखा.

बीबीसी ने कहा कि एस-300 डिफेंस सिस्टम का रडार क्षतिग्रस्त हो गया था लेकिन मिसाइल लॉन्चर बरकरार थे. फायर कंट्रोल रडार मिसाइल को लक्ष्य की ओर निर्देशित करता है और एयर डिफेंस सिस्टम में एक महत्वपूर्ण तत्व है. ईरानी शासन की आलोचना करने वाली समाचार एजेंसी ईरान इंटरनेशनल ने वाशिंगटन इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ फेलो फरज़िन नादिमी के हवाले से कहा, "सैटेलाइट इमेज स्पष्ट रूप से दिखाती है कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का मार्गदर्शन करने वाला सिस्टम का रडार नष्ट हो गया है." 

क्षति कितनी हुई, यह अभी भी अज्ञात है और कथित तौर पर इजरायल ने किन हथियारों का इस्तेमाल किया, यह भी अभी स्पष्ट नहीं है. इसका कारण यह है दोनों पक्षों ने दावों का खंडन किया है. हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स ने पश्चिमी अधिकारियों के हवाले से बताया कि इजरायल का हमला ईरान को एक संदेश देने के लिए किया गया था कि ईरान के डिफेंस सिस्टम उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते. इसके साथ ही यह भी इजरायल ने दिखाया कि जॉर्डन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए बिना उसके मिसाइल और उसे दागने वाले विमान ने हमला कर दिया. 

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रूस ने वर्षों की बातचीत के बाद 2016 में ईरान को S-300 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी पूरी की थी. सबसे खतरनाक एयर डिफेंस सिस्टम में से एक की ईरान को हुई आपूर्ति ने इजरायल के भीतर चिंता पैदा कर दी थी. 2010 में पश्चिमी देशों के दबाव के बाद रूस को ईरान के साथ समझौते को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा.