अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) जल्द ही अपना पद छोड़ने जा रही हैं. वो जनवरी में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग में लौट जाएंगी. इसकी जानकारी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मंगलवार को दी.
IMF ने एक बयान में कहा है कि हार्वर्ड ने गीता गोपीनाथ की छुट्टी को एक साल के लिए बढ़ा दिया था, जिसकी वजह से उन्हें तीन साल तक आईएमएफ में सेवा करने की अनुमति मिली. गोपीनाथ IMF के रिसर्च डिपार्टमेंट की प्रमुख हैं जो जीडीपी विकास के पूर्वानुमान के साथ-साथ तिमाही वैश्विक आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट तैयार करता है.
IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गोपीनाथ की प्रशंसा की है और कहा है कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान महत्वपूर्ण विश्लेषण के कार्य किए हैं. क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने यह भी कहा कि गोपीनाथ ने IMF के शीर्ष अर्थशास्त्री पद पर सेवा करने वाली पहली महिला के रूप में "इतिहास बनाया" है.
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जॉर्जीवा ने एक बयान में कहा, "गीता गोपीनाथ का योगदान वास्तव में IMF और हमारी सदस्यता में उल्लेखनीय रहा है- आईएमएफ के काम पर उनका प्रभाव जबरदस्त रहा है."
"हमें उनकी तीक्ष्ण बुद्धि और अंतरराष्ट्रीय वित्त और मैक्रोइकॉनॉमिक्स के गहन ज्ञान से अत्यधिक लाभ हुआ क्योंकि हम महामंदी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहे थे."
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जॉर्जीवा ने कहा कि कोविड -19 महामारी को समाप्त करने के लिए वैश्विक टीकाकरण लक्ष्य निर्धारित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी, और अन्य बातों के अलावा, जलवायु परिवर्तन नीतियों का विश्लेषण करने के लिए आईएमएफ में एक टीम स्थापित करने में भी मदद की.
अमेरिकी-भारतीय नागरिक गोपीनाथ को अक्टूबर 2018 में इस भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था. IMF ने कहा है कि उनकी जगह प्रतिनियुक्ति के लिए नए शख्स की तलाश जल्द शुरू की जाएगी.
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