बोस्टन:
अब तक जितने भी बड़े साइबर हमलों का पर्दाफाश किया गया है उनमें हैकर्स ने भारत सरकार, संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिका की रक्षा कंपनियों के नेटवर्क में सेंध लगाई है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसके लिए चीन की तरफ इशारा किया है। वाशिंगटन पोस्ट ने एमसीएफी रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी है। उसने कहा है कि पांच साल की अवधि में हुए इन हमलों में 72 प्रमुख संगठनों को शामिल किया गया है। इनमें भारत सरकार, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संघ आसियान और आईओसी को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार जिन संस्थानों और कंपनियों के नेटवर्क में सेंध लगाई गई उनमें जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ का सचिवालय, अमेरिका की ऊर्जा विभाग लैबोरेटरी और भविष्य की नई हथियार प्रणाली तैयार करने में लगी अमेरिका की 12 प्रमुख रक्षा कंपनियां शामिल थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर प्रणाली में यह सेंध लगता है पिछले कई सालों से जारी थी। इसके मुताबिक साइबर हमले के पीछे कम से कम एक देश के लिए काम करने वाले शामिल थे, हालांकि इसमें नाम नहीं बताया गया है। उधर, सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार सबूत चीन की तरफ इशारा करते हैं। एमसीएफी के उपाध्यक्ष दिमित्री एल्परोवित्च ने 14 पन्नों की रिपोर्ट में कहा है हम यह सब देखकर चकित रह गये। इन आंकड़ों का क्या हुआ, यह अभी भी एक खुला सवाल है। इन आंकडों के एक हिस्से का भी यदि बेहतर प्रतिस्पर्धी उत्पाद बनाने में उपयोग किया जाता है या प्रतिस्पर्धी को पीछे छोडने में उपयोग होता है, तो इससे व्यापक आर्थिक खतरा हो सकता है।