दो सालों में 14 दौर की बातचीत के बाद, चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि दोनों पक्ष सीमा मुद्दों पर एक कदम आगे बढ़ा सकते हैं और समाधान तक पहुंच सकते हैं. भारत और चीन शुक्रवार को 22 महीने लंबे गतिरोध को हल करने के लिए15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता कर रहे हैं. भारतीय पक्ष ने लगभग 13 घंटे तक चली कोर कमांडर स्तर कि बातचीत के के दौरान लद्दाख में शेष घर्षण बिंदुओं के समाधान के लिए चीन पर दबाव बनाया. सेना के सूत्रों ने ये जानकारी दी.
सूत्रों के अनुसार दोनों पक्षों को स्वीकार्य विवादों के उचित समाधान की तलाश करनी चाहिए. पैंगोंग त्सो, गलवान और गोगरा के उत्तरी और दक्षिणी तटों पर डिसएंगेजमेंट किए जाने के बाद भारत महत्वपूर्ण पैट्रोलिंग पॉइंट-15 और हॉट स्प्रिंग्स में पीपी-17 और 17ए जैसे क्षेत्रों पर सैनिकों की वापसी पर जोर दे रहा है. सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष ने अप्रैल-मई 2020 में शुरू हुए सैन्य गतिरोध को दूर करने के लिए इस प्रस्ताव पर जोर दिया.
नवीनतम दौर की वार्ता पूर्वी लद्दाख के चुशुल में हुई. भारत और चीन गतिरोध को हल करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 'वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)' पर बातचीत कर रहे है.
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