
भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना 2018 से शुरू होने की उम्मीद है. तस्वीर: प्रतीकात्मक
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चीन को पसंद नहीं बुलेट ट्रेन परियोजना में भारत का जापान से मदद लेना
चीन की सरकारी मीडिया ने लेख में भारत को दी चेतावनी
बुलेट ट्रेन परियोजना से चीन को अलग रखना भारत को पड़ेगा भारी
इसमें कहा गया है कि इसका मतलब यह नहीं है कि चीन को अन्य बुलेट ट्रेन परियोजनाओं से अलग रखना भारत के हित में है. वास्तव में भारत को चीन की जरूरत चीन को भारत की जरूरत से अधिक है.
संपादकीय के मुताबिक, 'दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क कहे जाने वाले भारतीय रेलवे को खासतौर पर सप्लाइ की समस्या से जूझना पड़ रहा है. भारत के रेलवे के इंजीनियर चीन में भी ट्रेनिंग ले रहे हैं ऐसे में चीन बारत को इस क्षेत्र में सहायता दे सकता है.
स्टील रेल विनिर्माण और ट्रेन प्रौद्योगिकी में भारत को चीन की जरूरत है. मुंबई-अहमदाबाद का 508 किलोमीटर का द्रुत गति का ट्रेन गलियारा देश में पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है. यह 2023 के अंत तक परिचालन में आने की उम्मीद है. इससे दो प्रमुख महानगरों के बीच यात्रा का समय मौजूदा के नौ घंटे से कम होकर तीन घंटे रह जाएगा.
इस परियोजना में 97, 636 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है. जापान पूरी लागत का 81 प्रतिशत फंडिंग कम ब्याज दर पर भारत को उपलब्ध करा रहा है.
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