
- जनवरी से 11 जुलाई 2025 तक मराठवाड़ा क्षेत्र में कुल 543 किसानों ने आत्महत्या की है, जो गंभीर समस्या है.
- बीड जिले में सबसे अधिक 136 किसानों ने आत्महत्या की, इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में 96 किसानों की मौत हुई है.
- किसानों की आत्महत्या के प्रमुख कारणों में खराब फसल, सूखा, कर्ज का भारी बोझ और साहूकारों का दबाव शामिल है.
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्या एक गंभीर संकट बनता जा रहा है. जनवरी से 11 जुलाई 2025 तक मराठवाड़ा में कुल 543 किसानों ने आत्महत्या की है. ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. सबसे दुखद बात ये है कि पिछले 24 घंटे में ही 4 किसानों ने अपनी जान दे दी. बीड जिले में सबसे ज्यादा आत्महत्या के केस सामने आए हैं. यहां जनवरी से लेकर 11 जुलाई 2025 तक 136 किसानों ने आत्महत्या की है. इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में 96 किसानों ने अपनी जान दी है.
क्या है आत्महत्याओं की वजह
आत्महत्याओं के पीछे फसल की खराबी, बारिश की कमी या कभी अतिवृष्टि, सूखा, कर्ज का बोझ, और साहूकारों का दबाव जैसे कई कारण हैं, जो किसानों को इस तरह के चरम कदम उठाने पर मजबूर कर रहे हैं.
11 जुलाई 2025 तक मराठवाड़ा में किसान आत्महत्या के आंकड़े
- छत्रपति संभाजीनगर – 96
- जालना – 34
- परभणी – 65
- नांदेड़ – 76
- बीड – 136
- लातूर – 39
- धाराशिव – 66
- हिंगोली – 31
विपक्ष लगातार सरकार से पूछ रहा सवाल
सरकार और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद, किसानों की जिंदगी बचाने के प्रयास अभी भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है. राहुल गांधी ने मोदी सरकार से किसानों की आय दोगुनी करने वाले वायदे पर तीखा हमला किया है.
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