Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर हावी होने के लिए अपनाईं ये रणनीतियां....

Ukraine Crisis: इस अभियान में रूसी वायु शक्ति स्पष्ट रूप से दुर्लभ रही है और रूस का ‘‘संयुक्त संचालन'' कौशल भी समान रूप से नदारद है. रसद और आपूर्ति प्रणालियों की ठीक से योजना बनाने में रूसी विफलता को कोई भी पर्यवेक्षक आसानी से भांप सकता है.

Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर हावी होने के लिए अपनाईं ये रणनीतियां....

Ukraine: Russia ने Ukraine पर हमले की क्या योजना बनाई है?

फ्रैंक लेडविज:

यूक्रेन (Ukraine) के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि राष्ट्रपति पुतिन (Putin) ने यूक्रेन में अपने वरिष्ठ नेतृत्व के लिए स्पष्ट रणनीतिक और राजनीतिक उद्देश्यों की रूपरेखा तैयार की है. जैसा कभी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (George W Bush) ने इराक (Iraq) में कभी नहीं किया. 24 फरवरी को राष्ट्र के लिए अपने ‘‘युद्ध की घोषणा'' संबंधी भाषण में, पुतिन ने अपने इस ‘‘विशेष अभियान'' के उद्देश्यों को निर्धारित किया: उनका लक्ष्य ‘‘यूक्रेन के विसैन्यीकरण और नाजीवाद से मुक्ति के लिए प्रयास करना'' था.

रूसी राष्ट्रपति ने कहा ‘‘ ... राज्य की सीमाओं की उपस्थिति के बावजूद, हमें ऐसी जरूरी परिस्थितियों का निर्माण करना है जो समग्र रूप से हमें मजबूत करें.'' दूसरे शब्दों में, पुतिन जानबूझकर रूस और यूक्रेन के बीच के अंतर को कम करके दिखा रहे हैं.

द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट्स के अनुसार,  यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के फ्रैंक लेडविज कहते हैंं कि हमने उनके अभियान में अब तक ऐसा कुछ भी नहीं देखा है जिससे लगे कि रणनीतिक उद्देश्य बदल गए हैं - यूक्रेनी राजनीतिक नेतृत्व का पतन, यूक्रेनी सशस्त्र बलों की हार और एक स्वतंत्र राज्य के रूप में यूक्रेन का विनाश। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के शब्दों में, ‘‘वह हमारी राष्ट्रीयता को तोड़ना चाहते हैं''. 

तो फिर रूसी हाईकमान इन लक्ष्यों को कैसे हासिल करेगा? 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में, रणनीतिकार कार्ल वॉन क्लॉज़विट्ज़ ने सलाह दी थी कि केवल ‘‘अपनी शक्ति के केंद्र की लगातार खोज करके, सब को जीत लेने का हौंसला करके, कोई वास्तव में दुश्मन को हरा सकता है''. ज़ेलेंस्की अपने हर उत्साही भाषण में खुद को - और विस्तार में अपनी सरकार को - उस ‘‘केंद्र'' के रूप में परिभाषित करते हैं.

इसलिए रूसी इलेक्ट्रॉनिक खुफिया की अपार शक्ति को उसका पता लगाने के लिए निर्देशित किया गया. अंडरकवर कमांडो इकाइयों को उसे खोजने और उसकी हत्या करने का निर्देश दिया गया. जासूस पिछले महीनों से राष्ट्रपति के घेरे के भीतर संपर्क हासिल करने और रिश्वत देने, धमकी देने या विश्वासघात करने के लिए मजबूर करने के लिए काम कर रहे हैं.

यह प्रयास स्पष्ट रूप से (अब तक) सफल नहीं हुआ है - पुतिन के निकटतम सलाहकारों के समूह में प्रवेश करने के अमेरिकी प्रयासों के विपरीत. यदि विशेष बल, जासूस और इलेक्ट्रॉनिक धुरंधर विफल हो जाते हैं, तो रूसी वायु शक्ति और तोपखाने हर संभव छिपने के स्थान को मिटाकर सफल होने का प्रयास करेंगे.

तो पुतिन के दूसरे लक्ष्य पर - ‘‘विसैन्यीकरण''. क्लॉज़विट्ज़ आगे कहते हैं: ‘‘फिर भी, दुश्मन की शक्ति की केंद्रीय विशेषता चाहे जो भी हो - जिस बिंदु पर आपके प्रयासों को केंद्रित करना चाहिए - उसके युद्ध बल की हार और विनाश शुरूआत करने का सबसे अच्छा तरीका है.'' दरअसल यही शुरूआत करने का सबसे अच्छा तरीका है - लेकिन रूसी अभी तक इसे हासिल करने में विफल रहे हैं.

यदि यह एक अमेरिकी या नाटो अभियान होता, तो कोई भी सैनिक तब तक सीमा पार नहीं करता, जब तक कि यूक्रेनी धरती पर हर विमान, हर रडार, यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली के हर तत्व को नष्ट नहीं कर दिया जाता. उसके बाद, वायु सेना को तैनात दुश्मन सेना को यथासंभव नष्ट करने का काम मिलता. तभी सेना सीमा पार करके दुश्मन से लड़ने वाले बल का विनाश करती.

रूस ने क्रमिक रूप से ऐसा नहीं किया. इसके बजाय उन्होंने इन तत्वों को एक साथ हासिल करने की कोशिश की और शर्मनाक रूप से असफल रहे. चाहे यह अति आत्मविश्वास, अक्षमता, भ्रष्टाचार - या तीनों के संयोजन के कारण हो - सैन्य विश्लेषक अब तक इस ‘‘विशेष अभियान'' की योजनागत विफलताओं से चकित हैं.

इस अभियान में रूसी वायु शक्ति स्पष्ट रूप से दुर्लभ रही है और रूस का ‘‘संयुक्त संचालन'' कौशल भी समान रूप से नदारद है. रसद और आपूर्ति प्रणालियों की ठीक से योजना बनाने में रूसी विफलता को कोई भी पर्यवेक्षक आसानी से भांप सकता है.

युद्ध का मैदान कीव

एक बार जब वे इन समस्याओं को सुलझा लेते हैं, तो रूसी अभियान मुख्य रूप से कीव की ओर निर्देशित किया जाएगा, हालांकि विशिष्ट रूप से नहीं. मध्यकालीन शैली की तरह सेना के विशाल घेराबंदी काफिले शहर की ओर बढ़ते हुए देखे जाएंगे, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि हमले ‘‘तैयार किए जा रहे हैं''.

इसका उद्देश्य देश के प्रतीकात्मक हृदय को हटाना है. रूसी कमांडर शहर को यूक्रेन की एक कार्यात्मक राजनीतिक इकाई के रूप में देखते हैं. वे यूक्रेनी सैन्य कमान और नियंत्रण को बाधित करने के लिए यूक्रेनी सैन्य और खुफिया केंद्रों को नष्ट करके शुरूआत करेंगे. युद्ध की शुरुआत में इन लक्ष्यों पर हमला करने में रूसी विफलता का मतलब है कि ये इमारतें अब खाली हो चुकी होंगी.

मीडिया ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा, सरकार की नेतृत्व करने और प्रेरित करने की क्षमता को नकारते हुए रूसियों को गलत सूचना और भ्रम फैलाने का प्रयास करने में सक्षम बनाया जाएगा. एक मार्च को कीव के सिग्नेचर टीवी टॉवर को नष्ट करने के प्रयास इसी रणनीति का हिस्सा थे.

चूंकि वे यूक्रेनी सशस्त्र प्रतिरोध को समाप्त करने में कामयाब नहीं हुए हैं, रूसी कमांडर नया दृष्टिकोण अपनाएंगे (इसे एक रणनीति नहीं कहा जा सकता है) हमने 1994 और 1999 में ग्रोज़्नी में देखा और साथ ही 2015-16 में अलेप्पो और कई अन्य स्थानों पर रूसी भागीदारी में ऐसा देखा.

इसका अर्थ है कीव को घेराबंदी के तहत लाना, अवरुद्ध करना और आबादी को भूखा रखना, और अंधाधुंध गोलाबारी और बमबारी करना। इसके पीछे आपराधिक तर्क नागरिकों को निशाना बनाने में संयम या भेदभाव की किसी भी पश्चिमी धारणा के पूर्ण उन्मूलन पर निर्भर करता है। यह केवल एक या दो सप्ताह से ज्यादा नहीं चलेगा. अगर अनियंत्रित हुआ तो हम कई महीनों तक इसे देख सकते हैं.

इसका मकसद लोगों की विरोध करने की इच्छा को तोड़ना है. तैनाती के लिए लाए जा रहे हथियारों के प्रकार के लिए कोई अन्य संभावित उद्देश्य नहीं है - विशेष रूप से भारी तोपखाने, थर्मोबैरिक रॉकेट लॉन्चर और हमलावर हेलीकॉप्टर. इन सभी हथियार प्रणालियों का युद्ध के मैदान में दुश्मन के सशस्त्र बलों के खिलाफ अच्छी तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन 30 लाख लोगों के शहर में इन्हें लाने का कोई वैध सैन्य उद्देश्य नहीं हो सकता है - जब तक कि कोई यह नहीं मानता कि एक नागरिक आबादी को आतंकित करना वैध है.

दुर्भाग्य से हाल के रूसी सैन्य इतिहास से संकेत मिलता है कि वे वैधता को अप्रासंगिक मानते हैं. हालांकि रूसी सामरिक उद्देश्यों की प्राप्ति एकजुट आबादी द्वारा समर्थित और आश्चर्यजनक रूप से मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन द्वारा समर्थित यूक्रेनी सशस्त्र बलों पर निर्भर करेगी.

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