वाशिंगटन:
अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि सीरियाई शासन के खिलाफ वाशिंगटन द्वारा अंतरराष्ट्रीय समर्थन लामबंद किए जाने के साथ ओबामा प्रशासन चाहता है कि भारत और चीन वहां के राष्ट्रपति बशर अल असद पर नागरिकों के खिलाफ नृशंस कार्रवाई रोकने के लिए दबाव डाले। दरअसल, अमेरिका सीरिया में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार की नृशंस कार्रवाई रोकने के लिए दबाव बढ़ाना चाहता है। भारत और चीन ने सीरिया के ऊर्जा क्षेत्र में काफी निवेश कर रखा है। हिलेरी ने गुरुवार शाम सीबीएस इवनिंग न्यूज टीवी कार्यक्रम में कहा, हमने और अधिक सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इस दिशा में हम अपने यूरोपीय और अन्य मित्रों के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन असद पर दबाव डालने के लिए हमें वहां के तेल एवं गैस उद्योग पर प्रतिबंध लगाने की वाकई में जरूरत है। हम इस दिशा में यूरोप से और अधिक कार्रवाई चाहते हैं। अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा, हम चाहते हैं कि चीन हमारा साथ दे। इसके साथ ही हम चाहते हैं कि भारत भी इस दिशा में अपना कदम बढ़ाए, क्योंकि दोनों देशों का सीरिया के ऊर्जा क्षेत्र में काफी निवेश है। हम चाहते हैं कि रूस असद शासन को हथियारों की बिक्री रोक दे। उल्लेखनीय है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से भारत से सीरियाई शासन के खिलाफ द्विपक्षीय प्रतिबंध लगाने को कहा है।
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