
माले:
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद 11 दिनों बाद शनिवार को भारतीय उच्चायोग से बाहर आए। एक अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद नशीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण ले ली थी।
भारतीय समयानुसार शाम 4:15 बजे नशीद भारतीय उच्चायोग से बाहर आए। उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त डीएम मुले समेत उच्चायोग के अन्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, "पनाह के दिनों में आपके उपकार और आतिथ्य के लिए शुक्रिया।"
नशीद के भारतीय उच्चायोग कार्यालय के बाहर निकलने की जानकारी मिलने के बाद उन्हें बधाई देने के लिए बड़ी संख्या में उनके समर्थक जमा हो गए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "आज की उपलब्धि के बाद यह आशा की जाती है कि पूर्व राष्ट्रपति नशीद फिर से सामाजिक और राजनीतिक जीवन बहाल कर सकेंगे।"
मंत्रालय ने कहा है, "मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद 13 फरवरी को अपनी इच्छा से भारतीय उच्चायोग में आए और बाहर आने का फैसला भी उन्हीं का है।"
धरुबारुगे कन्वेंशन सेंटर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नशीद ने उम्मीद जताई कि वे अपनी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधि जारी रख सकेंगे।
राष्ट्रपति रहते हुए आपराधिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को गैरकानूनी बंधक बनाने संबंधी मामले की ओर इशारा करते हुए नशीद ने कहा, "मैं नहीं मानता कि चुनाव के बाद तक मेरे खिलाफ मामले की सुनवाई रोक देने से किसी नागरिक के अधिकार का उल्लंघन होगा।" उन्होंने कहा, "मैं इस समझदारी के साथ बाहर आया हूं कि मैं शांतिपूर्वक राजनीतिक गतिविधि और अपना सामाजिक जीवन जी सकूंगा।" उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं मानता हूं कि जिन मुद्दों पर हम असहमत हैं उनपर मालदीव की सरकार के साथ हम समझौता कर सकते हैं।"
नशीद ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 7 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के सभी प्रत्याशियों को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने दिया जाएगा।
मालदीव में लोकतंत्र के समर्थन के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद दिया और कहा कि राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने चाहिए।
बुधवार को भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव हर्ष वर्धन श्रींगला के नेतृत्व में चार सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल माले पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने मालदीव सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं और स्वतंत्र संस्थाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत की।
एक बयान में भारत ने मालदीव की सभी बड़ी पार्टियों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की है और दोनों देशों के बीच सकारात्मक संबंध जारी रहने की उम्मीद जताई है।
भारतीय समयानुसार शाम 4:15 बजे नशीद भारतीय उच्चायोग से बाहर आए। उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त डीएम मुले समेत उच्चायोग के अन्य कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, "पनाह के दिनों में आपके उपकार और आतिथ्य के लिए शुक्रिया।"
नशीद के भारतीय उच्चायोग कार्यालय के बाहर निकलने की जानकारी मिलने के बाद उन्हें बधाई देने के लिए बड़ी संख्या में उनके समर्थक जमा हो गए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "आज की उपलब्धि के बाद यह आशा की जाती है कि पूर्व राष्ट्रपति नशीद फिर से सामाजिक और राजनीतिक जीवन बहाल कर सकेंगे।"
मंत्रालय ने कहा है, "मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद 13 फरवरी को अपनी इच्छा से भारतीय उच्चायोग में आए और बाहर आने का फैसला भी उन्हीं का है।"
धरुबारुगे कन्वेंशन सेंटर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नशीद ने उम्मीद जताई कि वे अपनी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधि जारी रख सकेंगे।
राष्ट्रपति रहते हुए आपराधिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को गैरकानूनी बंधक बनाने संबंधी मामले की ओर इशारा करते हुए नशीद ने कहा, "मैं नहीं मानता कि चुनाव के बाद तक मेरे खिलाफ मामले की सुनवाई रोक देने से किसी नागरिक के अधिकार का उल्लंघन होगा।" उन्होंने कहा, "मैं इस समझदारी के साथ बाहर आया हूं कि मैं शांतिपूर्वक राजनीतिक गतिविधि और अपना सामाजिक जीवन जी सकूंगा।" उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं मानता हूं कि जिन मुद्दों पर हम असहमत हैं उनपर मालदीव की सरकार के साथ हम समझौता कर सकते हैं।"
नशीद ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 7 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के सभी प्रत्याशियों को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने दिया जाएगा।
मालदीव में लोकतंत्र के समर्थन के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद दिया और कहा कि राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने चाहिए।
बुधवार को भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव हर्ष वर्धन श्रींगला के नेतृत्व में चार सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल माले पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने मालदीव सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं और स्वतंत्र संस्थाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत की।
एक बयान में भारत ने मालदीव की सभी बड़ी पार्टियों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील की है और दोनों देशों के बीच सकारात्मक संबंध जारी रहने की उम्मीद जताई है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं