केविन की हाल ही में सर्जरी हुई है
मिशिगन:
बात क्रिसमस के दो दिन बाद की है जब 44 साल के केविन ब्रीन के गले में अचानक दर्द हुआ. उन्हें लगा कि शायद बुखार है, उसके बाद उनका पेट दर्द होने लगा जिसके बाद उन्हें तुरंत मिशिगन के अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. पहले तो जांच के बाद कुछ दवाइयों के साथ डॉक्टरों ने केविन को घर भेज दिया लेकिन अगले दिन फिर उन्हें पेट में तेज़ दर्द होने लगा.
वह दोबारा अस्पताल ले जाए गए जिसके बाद डॉक्टरों ने पाया कि उनके पेट में डेढ़ लीटर का पस जमा हुआ है. बताया गया कि उनके गले में हुआ इन्फेक्शन पेट तक पहुंच गया है. अमेरिकी वेबसाइट वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर के अनुसार जब तक डॉक्टर उनकी हालत का और बारीकी से मुआयना करते तब तक उनके शरीर के अंग इस इन्फेक्शन से प्रभावित होने लगे और उनके हाथ और पैर तक खून की आपूर्ति कम होने लगी. उनके हाथ-पैर काले पड़ने लगे और लंबे वक्त तक डायलिसिस के बाद इस हफ्ते उनके हाथ पैर की पहली सर्जरी की गई.
पहले सर्जरी में उनके दोनों पैर, बायां हाथ आधा काटा गया और दाएं हाथ की उंगलिया काटी गई. आगे और भी सर्जरी होनी है. केविन ने कहा कि उनके लिए छोटे छोटे काम करने में भी परेशानी खड़ी होती है लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह दोबारा अपना ख्याल खुद रख पाएंगे. वह कहते हैं कि कोई भी चीज़ उन्हें हार मानने नहीं द सकती.
डॉक्टरों का कहना है कि केविन की जान भी जा सकती थी लेकिन उन्होंने विपरीत परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारी और मौत को चकमा दे दिया. इस जानलेवा बीमारी के इलाज में होने वाले खर्चे के लिए केविन ब्रीन ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को भी बेच दिया. अब उनके घर में कमाने के नाम पर सिर्फ उनकी पत्नी की नौकरी है जो कि एक टीचर हैं.
वह दोबारा अस्पताल ले जाए गए जिसके बाद डॉक्टरों ने पाया कि उनके पेट में डेढ़ लीटर का पस जमा हुआ है. बताया गया कि उनके गले में हुआ इन्फेक्शन पेट तक पहुंच गया है. अमेरिकी वेबसाइट वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर के अनुसार जब तक डॉक्टर उनकी हालत का और बारीकी से मुआयना करते तब तक उनके शरीर के अंग इस इन्फेक्शन से प्रभावित होने लगे और उनके हाथ और पैर तक खून की आपूर्ति कम होने लगी. उनके हाथ-पैर काले पड़ने लगे और लंबे वक्त तक डायलिसिस के बाद इस हफ्ते उनके हाथ पैर की पहली सर्जरी की गई.
पहले सर्जरी में उनके दोनों पैर, बायां हाथ आधा काटा गया और दाएं हाथ की उंगलिया काटी गई. आगे और भी सर्जरी होनी है. केविन ने कहा कि उनके लिए छोटे छोटे काम करने में भी परेशानी खड़ी होती है लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह दोबारा अपना ख्याल खुद रख पाएंगे. वह कहते हैं कि कोई भी चीज़ उन्हें हार मानने नहीं द सकती.
डॉक्टरों का कहना है कि केविन की जान भी जा सकती थी लेकिन उन्होंने विपरीत परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारी और मौत को चकमा दे दिया. इस जानलेवा बीमारी के इलाज में होने वाले खर्चे के लिए केविन ब्रीन ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को भी बेच दिया. अब उनके घर में कमाने के नाम पर सिर्फ उनकी पत्नी की नौकरी है जो कि एक टीचर हैं.
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