मिस्र में जारी हिंसा के बीच सड़क पर आगजनी का दृश्य
                                                                                                                        मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई में 638 से अधिक लोगों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मिस्र सरकार और मुस्लिम ब्रदरहुड से अधिकतम संयम बरतने और देश भर में फैली हिंसा को समाप्त करने का आह
                                            
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                                                                                संयुक्त राष्ट्र / काहिरा: 
                                        संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मिस्र सरकार और मुस्लिम ब्रदरहुड से अधिकतम संयम बरतने और देश भर में फैली हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया है।
परिषद के सदस्यों ने मिस्र में हुई मौतों पर दुख जताया और वहां राष्ट्रीय सुलह का भी आह्वान किया। परिषद के अध्यक्ष अर्जेंटीनियाई राजदूत मरिया क्रिस्टीना पर्सेवल ने गुरुवार को हुई एक आपात बैठक के बाद परिषद के सदस्यों की ओर से यह विचार व्यक्त किए।
संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव जैन एलियासन ने मिस्र सरकार द्वारा अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों के घातक दमन के बाद वहां फैली अशांति से परिषद सदस्यों को अवगत कराया, जिसके बाद पर्सेवल ने संवाददाताओं से बात की।
पर्सेवल ने कहा कि परिषद के सदस्यों ने सर्वप्रथम वहां हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सदस्यों का मानना है मिस्र में हिंसा खत्म करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए दोनों ही पक्षों को अधिकतम संयम बरतना चाहिए। वहां हिंसा को रोकने और राष्ट्रीय सुलह बढ़ाने की आम इच्छा थी।
उल्लेखनीय है कि मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई में 638 से अधिक लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मिस्र में राष्ट्रव्यापी हिंसा में मरने वालों की संख्या 638 तक पहुंच गई है, जिससे 2011 के 'अरब स्प्रिंग' के बाद मिस्र के इतिहास में बुधवार का दिन सबसे ज्यादा खूनखराबे वाले दिन के तौर पर दर्ज हुआ। 'अरब स्प्रिंग' के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को अपदस्थ कर दिया गया था।
                                                                        
                                    
                                परिषद के सदस्यों ने मिस्र में हुई मौतों पर दुख जताया और वहां राष्ट्रीय सुलह का भी आह्वान किया। परिषद के अध्यक्ष अर्जेंटीनियाई राजदूत मरिया क्रिस्टीना पर्सेवल ने गुरुवार को हुई एक आपात बैठक के बाद परिषद के सदस्यों की ओर से यह विचार व्यक्त किए।
संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव जैन एलियासन ने मिस्र सरकार द्वारा अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों के घातक दमन के बाद वहां फैली अशांति से परिषद सदस्यों को अवगत कराया, जिसके बाद पर्सेवल ने संवाददाताओं से बात की।
पर्सेवल ने कहा कि परिषद के सदस्यों ने सर्वप्रथम वहां हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सदस्यों का मानना है मिस्र में हिंसा खत्म करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए दोनों ही पक्षों को अधिकतम संयम बरतना चाहिए। वहां हिंसा को रोकने और राष्ट्रीय सुलह बढ़ाने की आम इच्छा थी।
उल्लेखनीय है कि मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई में 638 से अधिक लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मिस्र में राष्ट्रव्यापी हिंसा में मरने वालों की संख्या 638 तक पहुंच गई है, जिससे 2011 के 'अरब स्प्रिंग' के बाद मिस्र के इतिहास में बुधवार का दिन सबसे ज्यादा खूनखराबे वाले दिन के तौर पर दर्ज हुआ। 'अरब स्प्रिंग' के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को अपदस्थ कर दिया गया था।
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