विज्ञापन
This Article is From Jul 14, 2016

चीन के सरकारी अखबार का दावा- दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर भारत ने समर्थन किया

चीन के सरकारी अखबार का दावा- दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर भारत ने समर्थन किया
प्रतीकात्मक तस्वीर
  • UN के पंचाट ने इस समुद्री क्षेक्ष पर चीन के अधिकार के दावे को खारिज किया
  • इससे नाराज चीन ने कहा वह फैसले को स्वीकार नहीं करता
  • वहीं भारत ने सभी पक्षों से इस फैसले का सम्मान करने के लिए कहा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
बीजिंग: संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक पंचाट द्वारा दक्षिण चीन सागर (एससीएस) पर 'ऐतिहासिक अधिकार' के चीन के दावे को खारिज किए जाने वाले फैसले को बीजिंग द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद चीन के सरकारी अखबार ने भारत को भी उन देशों में शामिल किया, जिन्होंने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के बारे में चीनी रुख का समर्थन किया है।

सरकारी अखबार 'चाइना डेली' ने अपनी वेबसाइट पर विश्व का एक मानचित्र प्रदर्शित किया है, जिसमें भारत को उन देशों के रूप में दर्शाया गया है, जिन्होंने चीन के रुख का समर्थन किया। मानचित्र के साथ टिप्पणी की गई है कि 70 से ज्यादा देशों ने सार्वजनिक रूप से चीन के रुख का समर्थन किया कि दक्षिण चीन सागर विवाद का हल बातचीत के जरिये होना चाहिए न कि मध्यस्थता के द्वारा। इसके विपरीत सिर्फ कुछ देशों ने, विशेषकर अमेरिका और उसके करीबी सहयोगियों ने सार्वजनिक रूप से फिलीपीन का समर्थन किया और फैसले को बाध्यकारी बताया।

हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि पंचाट का फैसला आने के कुछ घंटे बाद ही नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्रालय ने एससीएस मुद्दे से जुड़े सभी पक्षों को समुद्री विवाद शांतिपूर्ण तरीके से बिना बल प्रयोग के हल करने को कहा। इसके साथ ही भारत ने हेग स्थित न्यायालय के फैसले का 'अधिकतम सम्मान' करने को भी कहा।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
दक्षिण चीन सागर, चाइना डेली, संयुक्त राष्ट्र, भारत, चीन, South China Sea, China Daily, China
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com